नशामुक्ति के लिए साईं कृपा फाऊंडेशन की नई पहल

“नए साल में नाटक के जरिए दिया बड़ा संदेश, निदेशक विष्णु अग्रवाल बोले- युवा पीढ़ी को नशा मुक्त करना है फाउंडेशन का लक्ष्य” भास्कर समाचार सेवा

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नोएडा। मुक्ति के लिए पिछले 5 सालों से प्रयासरत साईं कृपा फाउंडेशन नशामुक्ति, परामर्श एवं पुनर्वास केंद्र नोएडा ने नए साल पर एक अनूठी पहल की है। फाउंडेशन ने नाटक के जरिए नशा मुक्ति का समाज में एक बड़ा संदेश दिया है। इस दिल स्पर्शी नाटक का मंचन इसी नशा मुक्ति केंद्र में स्वास्थ्य लाभ ले रहे नशा ग्रसित लोगों द्वारा किया गया।‌ साईं कृपा फाऊंडेशन के निदेशक विष्णु अग्रवाल ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके सभी पांचों नशामुक्ति केन्द्रों दिल्ली, नोएडा, रुड़की, अलीगढ़ और हल्द्वानी में रिकवरी रेट अच्छा रहा है क्योंकि हमारे यहां मरीज़ का इलाज पंचकर्म एवं आयुर्वेद की विशेष थेरिपी पद्धतियों के जरिए किया जाता है। जिनमें मुख्य रुप से योगा, ग्रुमिंग क्लास, मोटिवेशनल पद्धति एवं विभिन्न प्रकार के शारिरिक खेल गतिविधियां शामिल हैं। श्री अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने अपने अनुभव से पाया है कि इस नशे की लत से मुक्त होना पूरी तरह संभव है। यह रोगी की इच्छा शक्ति और हमारी थैरिपी पर निर्भर करता है।‌ उन्होंने कहा कि फाउंडेशन का लक्ष्य युवा पीढ़ी से नशे की लत से पूरी तरह मुक्ति दिलाने का है। नशा एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी मनुष्य को मानसिक , शारीरिक ,आर्थिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह बर्बाद कर देता है। हमारा संकल्प इस व्याधि से मुक्ति दिलाने का है। और हम लगातार इस लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज को इलाज के बाद भी कभी नशे की तलब लगती है तो उसके लिए भी केंद्र के दरवाजे खुले हुए हैं हम बोलते हैं कि आइए बैठकर एक कप चाय काफी पीते हैं। और फिर थोड़ी काॅनसलिंग के बाद उसकी तलब खत्म हो जाती है।

नशा एडिक्शन नहीं बीमारी है: रश्मि सेनी

साईं कृपा फाऊंडेशन के इस नशामुक्ति केंद्र में बतौर मनोचिकित्सक काउंसलिंग दे रहीं रश्मि सेनी का कहना है कि असल में नशे की लत एक बीमारी है और उसका उपचार एक बीमारी की तरह ही किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल प्रोग्राम मात्र दे देने से ही यह बीमारी ठीक नहीं होती है बल्कि मरीज के साथ लगातार संपर्क उसकी मानीटरिंग और उसके स्वभाव का भी हमें पूर्ण ख्याल रखना जरूरी होता है। तभी अच्छे नतीजे संभव हैं। उनका कहना है कि यदि आपकी काॅनसलिंग प्रभावी है तो तीन से छह महीने में ही इसके नतीजे आने शुरू हो जाते हैं और मरीज़ पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है। हम तेजी के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं और नतीजे शतप्रतिशत देना ही हमारा उद्देश्य है। नव वर्ष के उपलक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में विष्णु अग्रवाल के अलावा, भारत लूथरा, रश्मी चांदीवाला,बिट्टू बंसल,आशुतोष, सौर्य, वोहरा,कुणाल मल्होत्रा,शिब्बू चौधरी, सोनू श्रीवास्तव सहित अनेक लोगों ने हिस्सा लिया।

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