दैनिक भास्कर समाचार सेवा
बाजपुर। उत्तराखंड के सीमांत पर बसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पर्यटक नगर जोशीमठ के अस्तित्व के लिए और अपने जीवन व भविष्य के प्रति आशंकित लोगों का संघर्ष जारी है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जोशीमठ की घटना को लेकर 5 विभिन्न मांगों का पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा।
उन्होंने कहा जोशीमठ के अधिकांश घरों में दरारें आ चुकी हैं और कुछ भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भी जनता की ही तरह बड़ी आपदा की आशंका व्यक्त की है। ऐसे में जोशीमठ नगर को बचाने हेतु जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। एनटीपीसी की परियोजना पर पूर्ण रोक की प्रक्रिया प्रारंभ हो और हेलंग-मारवाड़ी बाईपास पूर्णतया बंद हो। एनटीपीसी को पूर्व में हुए 2010 के समझौते को लागू करने को कहा जाए, जिससे घर-मकानों का बीमा करने की बात प्रमुख है।
नेता प्रतिपक्ष ने पांच मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
उन्होंने कहा कि जोशीमठ के समयबद्ध विस्थापन, पुनर्वास एवं स्थायीकरण के लिए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति को शामिल करते हुए एक अधिकार प्राप्त उच्च स्तरीय कमेटी का गठन हो। जोशीमठ में पीड़ितों की तत्काल आवास भोजन व अन्य सहायता हेतु एक समन्वय समिति बने, जिसमें स्थानीय प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए। लोगों के घर मकानों का आंकलन करते हुए मुआवजा व उनके स्थाई पुनर्वास की प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की जाए। राज्य सरकार इस आपदा की घड़ी में मानवीय दृष्टिकोण से पीड़ित जनता के हित मे सबको साथ लेकर चलते हुए कार्य करें। सिर्फ प्रशासनिक मशीनरी के भरोसे इस बड़ी आपदा से नहीं निपटा जा सकता। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित कई बड़े नेता उपस्थित थे।
आर्य ने सरकार से पूछे सवाल
देहरादून। जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार से सवाल पूछा है कि आखिरकार बाईपास सुरंग कहां है? दरअसल एनटीपीसी और सरकार का बार-बार कहना है कि परियोजना की सुरंग जोशीमठ से दूर है, जिसको लेकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सरकार से सवाल किया है। उन्होंने कहा कि उसकी स्थिति जोशीमठ के नीचे ही है और वह विस्फोटों के जरिये ही बनी है। उन्होंने कहा की लोगों को आशंका है कि उसमें कुछ दिन पहले तक लगातार विस्फोट किये जा रहे थे जो जोशीमठ में आज हो रहे भू धंसाव का मुख्य कारण हैं।
शेष कारणों ने इस प्रक्रिया को तीव्र करने में योगदान किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष कई प्रमुख बिंदु रखे, जिसमे जोशीमठ नगर को बचाने के लिए जोशीमठ त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने, एनटीपीसी की परियोजना पर पूर्ण रोक की प्रक्रिया प्रारंभ करने, हेलंग-मारवाड़ी बाईपास को पूर्णतया बंद करने जैसे बिंदु शामिल हैं।