
जिन्होंने अपनों को खोया है वही जानते हैं हिंसा का दर्द, नफरत मुक्त भारत का निर्माण ही यात्रा का मुख्य उद्देश्य: राहुल गांधी
संजय शर्मा
श्रीनगर। कश्मीर में भारी बर्फबारी के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को ऐतिहासिक भाषण दिया। कन्या कुमारी से लेकर श्रीनगर तक की क़रीब चार हजार किलोमीटर पैदल यात्रा के विधिवत समापन के बाद आयोजित रैली में उन्होंने अपने परिवार की शहादत, सुरक्षा बलों के बलिदान और आतंकी हमलों में जान गंवाने वाले कश्मीरी परिवारों के दर्द को एक साथ जोड़ दिया। नफ़रत की ज़मीन पर उगी ऐसी हिंसा के लिए उन्होंने कट्टरपंथी सोच को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा, प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सलाहकार अजित डोभाल इस पीड़ा को कभी नहीं समझ सकते। राहुल गांधी ने कहा कि जब किसी का कोई अपना खोता है और मोबाइल की घंटी बजती है उस स्तब्ध कर देने वाले क्षण का अहसास मुझे दो बार हो चुका है। जब मेरी दादी स्व इंदिरा गांधी और पिता स्व राजीव गांधी की हत्या का समाचार मुझे सुनाया है। ऐसे समाचारों अहसान सुरक्षा बलों के परिजन को भी है। कश्मीरी लोग तो यह दर्द दशकों से सुनते आ रहे हैं।लेकिन वो लोग इसे नहीं समझ सकते जिन्होंने नजदीक से ऐसी हिंसा नहीं देखी। राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा का मुख्य लक्ष्य यही है कि भविष्य में किसी को भी ऐसे दुखद संदेश ना मिलें। राहुल गांधी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पूर्वज कश्मीर से इलाहाबाद गए और प्रेम और भाईचारे का संदेश गंगा- जमुना में घोला जिसे हम गंगा जमुनी तहजीब बोलते हैं। जिसमें अब नफरत का ज़हर घोला जा रहा है।

कश्मीरियों ने हैंड ग्रेनेड नहीं दिए मुहब्बत के फूल
राहुल गांधी ने खुलासा किया है कि जब वो कश्मीर में यात्रा शुरू करने जा रहे थे तो मुझे डराने के लिए कहा गया कि यहां आप पैदल यात्रा मत करिए आपके ऊपर ग्रेनेड से हमला किया जा सकता है। तो उन्होंने कहा कि मैं भाईचारे का पैगाम लेकर जा रहा हूं अगर वो मेरी टी शर्ट का रंग लाल कर देना चाहते हैं तो कर सकते हैं। मैं गाड़ी के अंदर बैठकर यात्रा नहीं करेंगे। और जब उन्होंने चार दिन कश्मीर में यात्रा की तो लोगों ने मुझे प्यार से गले लगाया ग्रेनेड नहीं फेंका। क्योंकि उन्हें अपनी सच्चाई और लोगों पर भरोसा है। लेकिन यह भरोसा भाजपा को नहीं है इसलिए वो ऐसी खुली यात्रा कश्मीर में नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कश्मीर और कश्मीरियत को आज गले लगाने की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने शिव और आध्यात्म पर भी काफी गंभीर चर्चा की।

हो सकता है यह बात कांग्रेस के साथियों को पसंद ना आए
राहुल गांधी ने कहा कि असल में इस यात्रा का आयोजन कांग्रेस को राजनीतिक लाभ दिलाने का नहीं था। यह बात हो सकता है मेरे कांग्रेस साथियों को पसंद ना आए। उन्होंने कहा कि मेरा मकसद लोगों के दिल से हिंसा निकाल कर प्रेम और भाईचारा भरना है। नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान खोलना है। दिलचस्प बात यह रही कि सोमवार को श्री नगर में पूरे दिन भारी बर्फबारी होती रही और इसी बर्बादी के बीच खुले मैदान में राहुल गांधी ने यह रैली की और लम्बा और भावुक भाषण दिया। लोग सर्दी से बर्फ में खड़े कांप रहे थे पर जोश में थे और राहुल ने पहले की तरह कम कपड़े पहने थे जिसे देखकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे ने उन्हें गर्म गाऊन पहनने को दिया।

प्रियंका गांधी और खड़गे ने भी जमकर की राहुल गांधी की हौसला अफजाई
श्रीनगर की इस बर्फीली रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी राहुल गांधी की जमकर होंसला अफजाई की। श्री खड़गे आगे कहा कि कन्या कुमारी से कश्मीर तक की इस यात्रा में राहुल गांधी सौहार्द, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार महंगाई जैसे मुद्दों पर एक सकारात्मक संदेश देने में पूर्णतया सफल रहे हैं। आज कश्मीरियत को गले लगाने की जरूरत है। प्रियंका गांधी ने कहा था जब राहुल कश्मीर की ओर बढ़ रहे थे तो उन्होंने मां सोनिया गांधी और मुझे एक संदेश भेजा जिसमें लिखा था कि एक अजीब सी अपनेपन की अनुभूति हो रही है जैसे मैं अपने पूर्वजों के घर वापस लौट रहा हूं।