मुजफ्फरनगर:अपनी भूमि पर प्लान्ट लगाने वाले को प्राथमिकता दी जाए:जिलाधिकारी

भास्कर समाचार सेवा
मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित लोकवाणी सभागार में जनपद स्तर पर जैव ऊर्जा नीति एवं सौर ऊर्जा नीति-22 के संबंध में बैठक हुई जिसमें सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत एमएनआरई भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम-सी योजनान्र्तगत किसानों के निजी नलकूपों को सोलरराईजेशन किया जाना हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित को योजना के अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।
जैव ऊर्जा नीति के अन्तर्गत कृषि अपशिष्ट पर आधारित बायो सी0बी0जी0,बायोकोल, बायो एथनाॅल प्लान्ट लगाऐ जाते है। जनपद की प्रत्येक तहसील में बायो सी0बी0जी0 प्लान्ट लगाये जा रहे है। विकासकर्ता द्वारा अपनी भूमि पर ही प्लान्ट की स्थापना की जा रही है। जिलाधिकारी ने अपनी भूमि पर प्लान्ट लगाने वाले विकासकर्ता को प्राथमिकता दिए जाने और उक्त योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये गये है। सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत एमएनआरई भारत सरकार द्वारा संचालित पीएम कुसुम-सी योजनान्र्तगत किसानों के निजी नलकूपों को सोलरराईजेशन किया जाना हैं। इस योजना अन्तगर्त कृषकों को केन्र्द्रीय अनुदान 30 प्रतिशत के अलावा राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति, वनटांगिया एवं मुसहर जाति के कृषकों के लिये 70 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों के लिए 60 प्रतिषत राज्य अनुदान का प्राविधान किया गया हैं। अनुसूचित जनजाति के कृषकों को निःशुल्क तथा सामान्य एवं पिछडी जाति को 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जिसमें नैट मीटिरिगं की भी सुविधा है। किसान नलकूप का उपयोग जब नही करते है तो सौर ऊर्जा द्वारा बनाई गयी बिजली विद्युत विभाग को स्थान्तरण हो जाती है जिसका भुगतान 3.58 रूपये प्रति युनिट के हिसाब से विद्युत विभाग द्वारा किसानों को किया जाता है। जिससे किसानों की आय में वृद्वि होती है। बैठक एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, जिला कृृषि अधिकारी, डीपीआरओ वं विकासकर्ता/ वैन्डर्स तथा विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियन्ता, अधि0अभि0,यूपीनेडा के परियोजना प्रभारी उपस्थित रहे।