
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । योगी सरकार ने यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कार्यक्रम आयोजित कर उद्यमियों से अरबो का निवेश कराया है। योगी सरकार उद्यमियों की मदद के भी तत्पर है ताकि अधिक से अधिक उद्यम स्थापित हों जिससे हजारों लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिल सके। इसी क्रम में जनपद में एमएसएमई के प्रयास से 2501 करोड़ के एमओयू उद्यमियों ने साइन किये हैं। सरकार भले ही उद्यमियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कर रही हो मगर फ़तेहपुर में एमएसएमई के मंत्री राकेश सचान 72 उद्यमियों का हक स्वयं डकार गए हैं। शुक्रवार को फ़तेहपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि 72 उद्यमियों के भूखंड तो आप ही कब्जा किये बैठे हैं तो उद्यमी काम कहां करें। इस पर यूपी सरकार के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बड़ा अजीबोगरीब बयान दिया।
फजीहत से बचने के लिए कहा कि उद्यमियों को करेंगे एलॉट
आपको बता दें कि राकेश सचान 2009 से 14 तक फ़तेहपुर में समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं। उस दौरान उन्होंने दो औद्योगिक क्षेत्रों में 72 प्लाट अपनी संस्था के नाम करवा लिए। मामला फाइलों में दफन रहा। हाल ही में सरकार ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उत्तरप्रदेश में निवेशकों को लाने की योजना बनाई तो जनपदों में भी काम शुरू हुआ। फ़तेहपुर जनपद में कागजों में कुल 8 औद्योगिक क्षेत्र हैं जिनमे अधिकतर अविकसित हैं।
उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्र में इकाइयां स्थापित करने के लिए भूखंडों की तलाश शुरू हुई तो जानकारी में आया कि औद्योगिक क्षेत्र सधवापुर ( पौली ) में स्थित सभी भूखंड क्रम संख्या 1 से 40 तक व औद्योगिक क्षेत्र चकहाता में 1 से 17 तक एवं 22 से 36 तक राकेश सचान की संस्था के नाम एलॉट हैं। यह एलॉटमेन्ट 2012 में हुआ था जब वह जनपद के सांसद थे। आश्चर्य का विषय यह है कि एलॉटमेन्ट में राकेश सचान के न ही पिता का नाम है और न ही पता है। उससे भी बड़ी बात है कि यह 72 भूखंड बीते 11 वर्षों से उनके नाम हैं मगर उन्होंने दस फीसदी सिक्योरिटी मनी आज तक नहीं जमा कराई।
ऐसे में सवाल उठता है कि तत्कालीन एक सांसद को किस नियम के तहत 72 भूखंड एलॉट कर दिए गए, उनसे 10 फीसदी सिक्योरिटी आज तक क्यों नहीं जमा कराई गई। आज तक सम्बंधित विभाग ने एलॉटमेन्ट को खारिज क्यों नहीं किया। इस मामले की शिकायत लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह ने जब संयुक्त आयुक्त से की तो मामला प्रकाश में आया। हालांकि शिकायत होने के बाद विभाग की छीछालेदर बचाने के लिए संयुक्त आयुक्त उद्योग उत्तरप्रदेश सर्वेश्वर शुक्ला ने मामले में फतेहपुर के उपायुक्त को एक पत्र जारी किया है ।
जिसमे उन्होने एमएसएमई के मंत्री राकेश सचान का नाम लिखे बिना यह निर्देश जारी किया है कि सभी भूखंडों की जांच की जाए और जिन लोगों ने भूखंडों को जिस उद्यम के लिए आवंटित कराया था अगर वह मौके पर नहीं हैं तो आवंटन खारिज कर नए उद्यमियों को आवंटित कर उन्हें मौका दिया जाए। शुक्रवार को इन्वेस्टर्स समिट की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एमएसएमई के मंत्री राकेश सचान ने सरकार की उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि जनपद में 2501 करोड़ के एमओयू साइन किये गए हैं जिससे जनपद में विकास की गति बढ़ेगी।
इस दौरान बड़े आरोपो से घिरे मंत्री 72 भूखंडों के एलॉट मेन्ट के मामले में अजीबोगरीब बयान दे बैठे उन्होंने कहा कि उस समय लोगो ने नहीं लिया होगा तभी उन्होंने एलॉट करवा लिए, उन्हें इतना आइडिया नहीं था। उन्होंने कहा कि डीएम और उद्योग बन्धु की बैठक हुई थी जिसमे उस क्षेत्र में स्कूल नहीं था उसी के लिए लोगो की डिमांड पर एलॉट करवाया था अब हमने स्वयं उन्हें छोड़ दिया है। उन सभी प्लाटों को उद्यमियों को एलॉट किया जाएगा। इस दौरान टूटी सड़क पर फर्जी तरीके से चल रहे जिंदपुर टोल प्लाजा का भी मुद्दा उठा उस पर प्रभारी मंत्री ने उसको बंद करवाने के लिए डीएम श्रुति को निर्देशित किया।