अमित शुक्ला
हसनगंज, उन्नाव। कोतवाली हसनगंज क्षेत्र की मोहान चौकी से एक किलोमीटर की दूरी पर पुलिस के संरक्षण में कई वर्षों से नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री चलाने के मामले में उपजिलाधिकारी की सख्ती के चलते आखिरकार इंस्पेक्टर को ग्राम प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दो को गिरफ्तार कर जेल भेजना पड़ा। पांच आरोपियों को फरार दिखा पुलिस ने एसपी के निर्देशन में गुडवर्क दिखाकर पीठ थपथपाई।
मालूम हो कि हसनगंज कोतवाली क्षेत्र की मोहान पुलिस चौकी के संरक्षण में कमालपुर रोड़ पर काफी अर्से से नकली सीमेंट का अन्तरजनपदीय धंधा बड़े पैमाने पर चल रहा था। पुलिस मोटी रकम मिलने से जानते हुए भी मूकदर्शक बनी हुई थी। लेकिन गुरुवार को मुखबिर की सूचना पर उपजिलाधिकारी प्रदीप वर्मा व तहसीलदार लालधर यादव व राजस्व कर्मचारियों के साथ पहुंच कर नकली सीमेंट बनाने की फैक्ट्री में छापेमारी की। जहाँ पर मौके से फैक्ट्री से लगभग तीन ट्राली भरी हुई एसीसी, सम्राट, बिरला, प्रिज्म आदि 219 बोरी बड़े ब्रांड की की भरी हुई बोरियां मिली तथा 10 खाली बोरियों में नकली सीमेंट पाउडर मिला। दो दुरमुट, दो छन्ना, दो चोगा बोरियों में भरने वाली कुप्पी व सिलाई करने वाली मशीन आदि जैसे उपकरण व एक टैक्टर यूपी 32 जे एफ 3527, एक छोटा हाथी यूपी 32 जे एन 3915 व एक महिंद्रा पिकप यूपी 32 एचएन आगे का नम्बर गायब बरामद हुआ।
जिस पर एसडीएम के सख्त निर्देश पर कमालपुर ग्राम प्रधान सहित सात अभियुक्तों पर धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया। आखिरकार चौकी पुलिस ने दोबारा अखबारों की सुर्खियों में आने के बाद अभय प्रताप सिंह निवासी भप्टामऊ बुद्धेश्वर थाना पारा जनपद लखनऊ व अजय पुत्र राम आसरे निवासी मिश्रिख जिला सीतापुर दो आरोपियों की रातो रात नाटकीय ढंग से पुलिस को गिरफ्तारी दिखा कर जेल भेजना पड़ा।
जबकि स्थानीय कमालपुर के मुख्य आरोपी सफेदपोश नेताओं के इर्दगिर्द टहलते नजर आये जबकि वहीं सत्य देव तिवारी, रामू, राजकुमार गौतम, विवेक पुत्र ठाकुर निवासी कमालपुर कोतवाली हसनगज, अशोक पुत्र छेदीलाल सहित पांच अभियुक्त अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हो गये। पुलिस का संरक्षण करने का नतीजा है कि विगत 25 सितम्बर 2016 को अखबारों में छपने के बाद पुलिस ने छापेमारी कर बडे़ पैमाने पर लोडर में लदी नकली सीमेंट पकड़ी थी लेकिन पुलिस ने लेन देन कर मामले को निपटा दिया था।
जबकि अखबार में प्रकाशित होने के बाद डीएम सुरेंद्र सिंह के सहायक जिला ग्रामोउद्योग अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त कर जांच रिपोर्ट मांगी लेकिन डीएम के स्थानांतरण के बाद जांच अधिकारी भी मोटी रकम वसूल कर नकली सीमेंट का मामला दफन कर दिया था। तबसे चौकी पुलिस के संरक्षण में नकली सीमेंट का धंधा फल-फूल रहा था। पुलिस जानकर भी अंजान बनी हुई थी।
उधर पुलिस इंस्पेक्टर हर प्रसाद अहिरवार ने इस संबंध में बताया कि ग्राम प्रधान सहित सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। दो आरोपी गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं और पांच की तलाश जारी है जो जल्द गिरफ्तारी कर जेल भेजा जायेगा।