
भास्कर समाचार सेवा इटावा। बढ़ते तापमान से अन्नदाताओं के अरमान झुलस सकते है फरवरी माह के अंत में तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार कर गया ऐसे में गेहूं की फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। पिछेती गेहूं की फसल पर अधिक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है। तापमान बढ़ने से फसलों में नमी कम नहीं होना चाहिए।
विकासखंड में रबी की फसल में सबसे अधिक गेहूं की बुवाई होती है। जबकि ब्लॉक क्षेत्र महेवा में इस बार करीब 8600 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं की बुवाई की गई है। खेतों पर खड़ी गेहूं की फसल इस बार अच्छी है लेकिन फरवरी माह मैं लगातार तापमान बढ़ने से फसल पर संकट खड़ा दिखाई दे रहा है। कई दिन से तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहा है इस तापमान से गेहूं किसान बेहद चिंतित है। क्षेत्र के प्रमुख किसान पंडित वेद प्रकाश त्रिपाठी व बबलू तिवारी का कहना है कि गेहूं की फसल अच्छी होने की उम्मीद लगाई थी लेकिन अब तापमान जल्दी बढ़ रहा है जिससे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ सकता है राजकीय बीज भंडार के प्रभारी बृजेंद्र सिंह का कहना है कि गेहूं में बाली निकलते समय न्यूनतम तापमान 8 से 12 और अधिकतम 24 डिग्री सेल्सियस तक अच्छा माना जाता है। दाना पढ़ने के दिनों में तापमान में बढ़ोतरी गेहूं की फसल के लिए अच्छी नहीं है ।गेहूं में बालियां लगने के बाद तैयार होने के लिए समय चाहिए। बालियां आते ही तापमान बढ़ जाए तो गेहूं का दाना सिकुड़ सकता है। दाने पतले रह जाते हैं। जिसका सीधा प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है।