
भास्कर समाचार सेवा
नगीना। न्यायालय ने युवती से मारपीट व अश्लील हरकत करने के मांमले में ग्राम प्रधानपति दिलशाद अंसारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। आरोपी ने खुद को बचाने के लिए पीडिता व उसके परिवार का उत्पीडन करते हुए दर्जनों झूठे मुकदमे दर्ज कराए थे। पीडिता के अधिवक्ता प्रेम कुमार शर्मा ने इसे न्याय की जीत बताया है।
जानकारी के अनुसार नगीना थाना क्षेत्र ग्राम कल्याणपुर निवासी पीडिता शगुफ्ता अंजुम ने दिनांक 06 मार्च 22 को थाना नगीना पर दर्ज कराए गए अपने मुकदमें में आरोप लगाते हुए कहा था कि उसके पिता का जमीन के हिस्से को लेकर विवाद चल रहा है। उसी रंजिश के चलते गांव के प्रधानपति दिलशाद अंसारी पुत्र शफीक अहमद ने अपने साथी जमीर उर्फ मांढू पुत्र इंतेजामुददीन व मेघराज शर्मा पुत्र नत्थू सिंह के साथ गंदी गंदी गालियां देते हुए मारपीट करते हुए अश्लील हरकत की थी। पुलिस ने एक आरोपी जमीर उर्फ मांढू को उसी दौरान जेल भेज दिया था व दूसरे आरोपी मेघराज ने पुलिस के डर से न्यायालय में सरेंडर कर दिया था। मुख्य आरोपी दिलशाद अंसारी अपने शातिरपन की वजह से तभी से पुलिस व कोर्ट को चकमा देकर खुला घूम रहा था इतना ही नही जब पीडिता ने इंसाफ पाने के लिए आरोपी दिलशाद की शिकायत की तो उल्टा शातिर अपराधी दिलशाद ने पीडिता व उसके परिवार पर अपने गैंग के लोगो से दर्जनों झूठे मुकदमें दर्ज करा दिए। पीडित परिवार पर दर्ज सभी मुकदमें जांच के दौरान झूठे पाए गए। छेडछाड के मांमले में वारंटी दिलशाद गुरुवार को जमानत लेने के लिए नगीना कोर्ट में हाजिर हुआ। न्यायालय जे0एम नगीना कोर्ट न0 2, अरुण गौतम ने पीडिता शगुफ्ता अंजुम व उनके वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेम कुमार शर्मा की जोरदार दलील सुनने के बाद मुल्जिम दिलशाद अंसारी की जमानत याचिका खारिज करते हुए उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बिजनौर जेल भेज दिया है। पीडिता के अधिवक्ता प्रेम कुमार शर्मा ने इसे न्याय की जीत बताते हुए आगे भी कानूनी लडाई लडने की बात कही है।