देव शास्त्र गुरु, 24 तीर्थंकर तथा महावीर भगवान की पूजा की गई
भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। आनंदपुरी स्थित श्री 1008 दिगंबर जैन पंचायती मंदिर में वार्षिक रथयात्रा महोत्सव रविवार को धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान को पांडुकशिला पर विराजमान करके अभिषेक किया गया। इसके उपरांत भगवान पर शांति धारा की गई। शांति धारा का सौभाग्य प्रवक्ता सुनील जैन को प्राप्त हुआ। तदुपरांत देव शास्त्र गुरु, 24 तीर्थंकर तथा महावीर भगवान की पूजा की गई।
रथ यात्रा का आयोजन आनंदपुरी मंदिर से प्रारंभ हुआ। घोड़े वाले स्वर्ण रथ पर भगवान को लेकर बैठने का सौभाग्य तरस चंद जैन, सारथी बनने का सौभाग्य बीके जैन, कुबेर बनने का सौभाग्य टोनी जैन, इंद्र बनने का सौभाग्य रजत जैन को प्राप्त हुआ। हाथी वाले रथ पर जिनवाणी लेकर बैठने का सौभाग्य नवीन जैन, सारथी बनने का सौभाग्य अचल जैन, कुबेर बनने का सौभाग्य धन कुमार को प्राप्त हुआ। इनके पीछे 5 जीप वाले रथों में अनेक इंद्र, इंद्राणी शामिल थे। रथ यात्रा में माता के सोलह स्वप्न की झांकी तथा भगवान को पालना झुलाते हुए सुंदर झांकी चल रही थी। बजे कुंडलपुर में बधाई तथा होली खेले मुनिराज अकेले वन में जैसी धुने बज रही थी, जिसने सारे वातावरण को संगीतमय तथा अध्यात्ममय बना दिया। रथ यात्रा आनंद पुरी मंदिर से प्रारंभ हुई, जिसमें आगे-आगे ताशे ढोल वाले नगाड़े वाले फिर अहिंसा परमो धर्म का झंडा लिए भक्तगण उनके पीछे अनेक बाजे वाले चल रहे थे। रथ यात्रा जैन नगर, रेलवे रोड तिराहा, प्रेमपुरी, शांति नगर, रोहटा स्टैंड होती हुई जैन बोर्डिंग हाउस पहुंची। समस्त रास्ता तोरण द्वारों से सजा हुआ था। बाजों की धुनों से वातावरण धर्ममय हो गया। जगह-जगह मिष्ठान और फलों का वितरण हो रहा था।
जैन बोर्डिंग हाउस पहुंचकर भगवान श्री का अभिषेक तथा पूजा की गई। समस्त धार्मिक क्रियाएं पंडित पारस जैन एवं मनोज शास्त्री के द्वारा की गई। संपूर्ण महोत्सव में विनय जैन, अचल जैन, तरस जैन, मुकेश जैन, राजीव जैन, सुरेंद्र जैन, प्रदीप जैन, अतुल जैन, अरुण जैन का सहयोग रहा। जैन बोर्डिंग हाउस में पूजा के उपरांत भगवान श्री को रथ में विराजमान कर यात्रा वापस आनंद पुरी मंदिर पहुंची।