उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश और भुखलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रदेश में रविवार से हो रही तेज बारिश का दौर सोमवार को भी जारी है। प्रदेश के नदी नाले उफान पर है। चमोली के घाट ब्लॉक के लांखी बांजबगड़ और आली गांव में भूस्खलन से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। चमोली में बारिश से हाईवे पर कई जगह मलबा आ गया है। इस कारण बदरीनाथ और हेमकुंड यात्रा रोक दी गई है। तीर्थयात्रा पर जा रहे यात्री जगह-जगह हाईवे खुलने का इंतजार कर रहे हैं। हाईवे बाजपुर, कौड़िया, लामबगड़ और कंचनगंगा में अवरुद्ध है। जिले में भूस्खलन के कारण संपर्क मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर यातायात सामान्य रूप से चल रहा है।
केदारनाथ यात्रा भी जारी है। बदरीनाथ और हेमकुंड यात्रा रोक दी गई है। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया। अलर्ट को ध्यान में रखते हुए प्रशसन की ओर से पूरी तरह से एहतियात बतरी जा रही है।
घाट ब्लॉक के लांखी बांजबगड़ और आली गांव में हुआ भूस्खलन
चमोली जिला प्रभारी जिलाधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि जिले के घाट ब्लॉक के लांखी बांजबगड़ और आली गांवों में बादल फटने से तीन आवासीय भवन ध्वस्त होने से तीन बच्चे, एक महिला, एक युवक और एक युवती समेत छह लोगों की मौत हो गई है। घाट ब्लॉक में रविवार देर रात्रि से शुरु हुई बारिश के दौरान सुबह करीब साढ़े चार बजे लांखी गांव में बादल फटाने से आये मलबे में शंकर लाल का आवासीय भवन दब गया। इस घटना में घर में मौजूद शंकर लाल की आठ वर्षीय बेटी आरती और छह वर्षीय अंजली और 24 वर्षीय अजय पुत्र सुरेंद्र लाल निवासी नौरख पीपकोटी की मलबे में दबने से मौके पर ही मौत हो गई।
जिसके बाद यहां छह घंटे की मशक्कत के बाद स्थानीय ग्रामीणों और एसडीआरएफ ने शवों को दोपहर 12 बजे निकाला जा सका। वहीं इस दौरान बांजबगड गांव में हुए भूस्खन से स्थानीय निवासी अब्बल सिंह के आवासीय भवन का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। यहां हुई घटना में अब्बल सिंह की 33 वर्षीय पत्नी रुपा देवी और नौ माह की बेटी चंदा मलबे में दब गये। जबकि आली गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से नैनू राम के भवन क्षतिग्रस्त होने उसकी 20 वर्षीय पुत्री नौरती की भी मौत हो गई है। चमोली प्रभारी जिलाधिकारी हंसादत्त पांडे ने बताया कि घाट ब्लॉक के लांखी और बांजबगड गांवों में आई आपदा में छह लोगों के शवों को रेस्क्यू कर लिया गया है। साथ ही ग्रामीणों को राहत राशि के साथ ही अन्य दैनिक उपयोगी वस्तुओं की आपूर्ति करवाई जा रही है।
भूस्खलन की चपेट में आने से जन-धन की बड़ी हानि
उत्तराखण्ड में अगले 24 घंटे में भारी बारिश से जन धन की हानि हुई है। इसमें दो गोशालाओं के क्षतिग्रस्त होने से 45 बकरियां, दो गाय और एक बछड़ा जिंदा दफन हो गये हैं। वहीं चमोली में अतिवृष्टि जानमाल सहित काफी नुकसान हुआ है। वहीं आपदा से यहां लांखी और बांजबगड़ क्षेत्रों को सप्लाई होने वाली पेयजल लाइनें, पैदल रास्ते और विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिससे गांवों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल गांवों में ग्रामीणों को राहत उपलब्ध कराने और आवासीय व्यवस्था करने की मांग उठाई है।
बिंदाल और रिस्पना नदियों में पानी बढ़ा
देहरादून सहित प्रदेश भर में लगातार हो रही बारिश से शहर के बिंदाल और रिस्पना नदियों में एकाएक पानी बढ़ गई जो धारा बन कर बह रही है। जिससे नदी तट पर रहने वाले के लिए जीवन खतरा में पड़ गया। बारिश के चलते जिले के 17 ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित है जिसे खोलने का कार्य जारी है। देहरादून के मन्दाकिनी विहार में भारी बारिश के कारण आवासीय भवनों में पानी घुसने की सूचना पर मसूरी विधायक गणेश जोशी ने एसडीएम सदर कमलेश मेहता के साथ मौके पर जाकर निरीक्षण किया और प्रशासन को तत्काल प्रभावित लोगों को राहत दिये जाने को निर्देशित किया।
केदारनाथ राष्ट्रीय राज मार्ग बाधित
ऋषिकेश केदारनाथ राष्ट्रीय मार्ग पर (एनएच 107) पर मलवा आने से मार्ग बाधित है, जबकि सोनप्रयाग केदारनाथ मार्ग पैदल यात्रियों के लिए चालू है। रूद्रप्रयाग जिले में कुल 04 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद है जिसे खोलने का कार्य जारी है। बागेश्वर में 11 ग्रामीण मोटर मार्ग और पिथौरागढ़ में एक राज्य और 11 ग्रामीण मार्ग और नैनीताल में दो मार्ग बाधित है। ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 108) गंगोत्री और युमनोत्रि मार्ग एनएच 94 जानकरीजट्टी तक जाने के लिए छोटे बड़़े वाहनों के लिए तक खुला है, जबकि चमोली जिले में 29 मोटर मार्ग और पौड़ी में चार ग्रामीण मोटर मार्ग और टिहरी में चार ग्रामीण मार्ग बंद पड़े है। इन सभी मार्गो को खलने का कार्य जारी है।
भारी बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में राजधानी देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटों के दौरान कई चमक और तेज बौछारें के साथ भारी बारिश होने की संभावना हैं। जबकि हरिद्वार, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में भी बारिश के आसार है। वहीं 13 और 14 अगस्त को देहरादून, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल, चमोली, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग तथा पिथौरागढ़ में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस दौरान बारिश के साथ मैदानी और पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की संभावना बन सकती है। इसलिए प्रदेश के अधिकारियां से एहतिहात बरतने की सलाह दी गई है। खास तौर पर पर्यटकों व यात्रियों के साथ अभी से समन्वय बनाने पर जोर दिया गया है। जबकि 15 को चमोली, नैनीताल, पौड़ी जिलों में कही-कही विशेषकर तीव्र बौछारों के साथ बारिश के आसार बन रहे है।
मौसम केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अन्य इलाकों में में बादल छाये रहेंगे। इस दौरान चमक और गरज के साथ पवर्तीय क्षेत्रों में तेज बारिश के आसार बन रहे है। अगले 16 अगस्त तक मौसमा का प्रभाव इसी तरह बना रहेगा।