भास्कर समाचार सेवा
इटावा। जनपद में दिन का पारा आजकल लगभग 40 डिग्री के करीब है I ऐसे में संक्रामक बीमारियां जोर पकड़ रही हैं। इसके साथ ही दिन प्रतिदिन लू भी चल रही है। जनपद में दस्त, उल्टी और डायरिया के मरीज बढ़ रहे हैं।
जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ शांतनु निगम ने बताया कि लू के प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना तथा सिर में तेज दर्द होना, अधिक प्यास लगना, पेशाब कम होना व जलन होना, पसीना नहीं आना व भूख कम लगना, चक्कर आना तथा कभी-कभी बेहोश हो जाने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तत्काल ही उपचार कराना चाहिए। डॉ. निगम ने बताया कि तेज गर्मी के कारण लू लगने के अलावा मांसपेशियों में दर्द, थकावट व बेहोशी भी हो सकती है। इसमें बुखार नहीं होता है।
लू से प्रभावित होने वालों का तत्काल उपचार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सुझाव दिए गए हैं। लू से प्रारंभिक उपचार के तहत मरीज को छायादार एवं हवादार स्थान पर रखना चाहिए। मरीज को ठंडे पानी या बर्फ से तब तक गीला करते रहना चाहिए जब तक तापमान कम न हो जाए। मरीज को तापमान नियंत्रण प्रणाली सामान्य होते तक आराम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अधिक पानी या अन्य उपलब्ध पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का पना, जल-जीरा, मठ्ठा, शर्बत, नीबू पानी आदि पिलाते रहना चाहिए। ओआरएस का घोल या स्वयं बनाया गया जीवन रक्षक घोल (एक ग्लास पानी में एक चम्मच शक्कर व एक चुटकी नमक) देना अधिक उपयोगी होता है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इस बदलते मौसम में अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और खुद को संक्रामक रोगों से बचाएंI
डॉ निगम ने बताया कि इस मौसम में वासी भोजन न करें और हो सके तो बाहर के खाना खाने से परहेज करें और धूप से आने के बाद तुरंत पानी न पिएं।