अटल सरकार के गले की फांस बने बढ़ते प्याज के दाम अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गले पड़ने लगी है। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में भी प्याज का भाव आसमान छूने लगा है। यहां की मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो का आंकड़ा पार कर गया है। इससे रसोई पर भार बढ़ गया है। गोरखपुर मंडी में घटी प्याज की आवक का प्रमुख कारण कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में होने वाली बरसात बताई जा रही है।
अभी और रुला सकती है प्याज
बता दे कि गोरखपुर मंडी में प्याज का थोक मूल्य 50 रुपये किलो को पार कर गया है। फुटकर में यह 60 से 65 रुपये प्रति किलो तक बिकने लगी है। जिसकी वजह से घरों की रसोईयों में प्याज नदारद होने लगे हैं। मंडी के थोक कारोबारी हाजी फ़रज़न्द, शमसुल हक, राजेन्द्र आदि के मुताबिक आने वाले दिनों में प्याज अभी और रुलाएगा। इसके मूल्य में और तेज़ी आने की संभावना है। प्याज के थोक व्यापारियों की माने तो गोरखपुर मंडी में प्याज की आवक भी घटी है। पहले इसकी आवक प्रतिदिन 08 से 10 ट्रक थी। अब यह घटकर 04 से 05 ट्रक प्रतिदिन रह गई है।
बोले थोक व्यापारी
थोक व्यापारी रामरतन का कहना है कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में अधिक रकबा में प्याज़ की खेती होती है, लेकिन यहां आई बरसात ने सब कुछ बिगाड़ दिया है। प्याज की खेती तकरीबन डेढ़ महीने पिछड़ गयी है। इतना ही नहीं, जिन किसानों ने पहले खेती की थी, उनकी फसल बर्बाद हो गई है। इस वजह से तकरीबन डेढ़ महीने तक गोरखपुर मंडी में प्याज की आवक कमजोर रहेगी।
सितंबर बीतने को लेकिन नहीं आई आवक में तेजी
पिछले माह से प्याज के भाव तेजी आनी शुरू हुई थी। यह तेजी अब भी बनी है। इससे आम उपभोक्ता की जेब ढीली होती जा रही है। बताया जा रहा है कि प्याज के दाम में हुई यह बढ़ोत्तरी कर्नाटक, आंध्र प्रदेश में हुई भारी बारिश का दुष्परिणाम है। ज्ञातव्य हो कि आमतौर पर सितंबर के मध्य तक आवक पूरे जोरों पर होती है, लेकिन अभी पर्याप्त आवक नहीं शुरू हो सकी है। इतने से सीजन की मांग को पूरा नहीं किया जा सकता है।