डासना की जिला जेल के बन्दियों ने देश में नाम किया रोशन

एमजे चौधरी

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश की सबसे हाईटेक जेल कहलाने वाली डासना की जिला जेल प्रशासन को उस समय गर्व महसूस हुआ जब बन्दियों ने डीजी जेल, प्रदेश की जेल प्रशासन, जेल मंत्री और डासना जेल के समस्त अधिकारियों को गर्व महसूस हुआ। जब देश में हुई कालांतर फाउंडेशन संस्था के द्वारा प्रतियोगिता में सफल होने पर प्रदेश की जेलों में अपना नाम रोशन करते हुए दर्ज कराया है। जेल प्रशासन ने सभी बंदियों को प्रतियोगिता में सफल होने पर उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। डीजी जेल एसएन साबत ने डासना की जिला जेल के बन्दियों द्वारा संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार तथा कालांतर आर्ट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय स्तर की लेखन, पेंटिंग, नृत्य, संगीत जैसी विभिन्न कला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमें देशभर के हजारों लोगों ने प्रतिभाग किया था। 

प्रतियोगिता में इस वर्ष उत्तर प्रदेश राज्य की थीम स्टेट रखा गया था। तथा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए उत्तर प्रदेश के समृद्धशाली इतिहास और आस्मित संभावनाओ के बारे में बताया गया था। इस प्रतियोगिता में जिला जेल डासना के बंदियों ने भी उत्साह के साथ प्रतिभाग किया और जेल में बंद होने के बावजूद इस प्रतियोगिता में बंदियों ने सबसे ज्यादा पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मुझे वह जेल प्रशासन को पूरा गर्व है कि इस तरह की प्रतियोगिता में सफल होना से जेल की कार्यप्रणाली और बंदियों को सरकार की योजनाओं के अनुरूप ढालने का प्रयास किया जा रहा है। वही बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने में जेल प्रशासन पूर्ण रूप से सहयोग कर रहा है। और जेल प्रशासन के द्वारा सभी बंदियों को भविष्य की शुभकामनाएं भी दी गई है। हालांकि इस प्रतियोगिता में जिला जेल गाजियाबाद के बंदियों ने भी उत्साह के साथ प्रतिभाग किया और जेल में बंद होने के बावजूद इस प्रतियोगिता में बंदियों ने सबसे ज्यादा पुरस्कार प्राप्त किए हैं। अंग्रेजी कविता लेखन में बंदी राजेश झा की कविता i Desire i Perspire and i inspire को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है । 18 वर्ष से ऊपर की पेंटिंग प्रतियोगिता फाइनल राउंड में 9 प्रतियोगियों में से पांच प्रतियोगी जिला जेल गाजियाबाद के थे। जिसमें बंदी गण अरुण राणा और रिंकू को खुशियों के रंग कलर आफ ज्वाय पर बनाई गई पेंटिंग पर विशेष कंसोलेशन पुरस्कार प्रदान किया गया। संगीत प्रतियोगिता कर चले हम फिदा जाने तन साथियों आरंभ है की प्रचंड थीम पर जिला जेल के बंदियों द्वारा प्रस्तुति दी गई थी। जिला जेल की इस प्रस्तुति को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। नृत्य प्रतियोगिता में जिला जेल गाजियाबाद के बंदियों ने नृत्य प्रतियोगिता में ताल से ताल मिला कर अपनी बेहतरीन प्रस्तुति के दम पर प्रोत्साहन पुरस्कार प्राप्त किया है । जेल में निरुद्ध रहते हुए भी इन बंदियों द्वारा अपनी प्रतिभा और कला के माध्यम से कलांतर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर पुरस्कार प्राप्त कर जेल प्रशासन का मान बढ़ाया है। वह इस मामले में जेल प्रशासन गाजियाबाद के सभी अधिकारियों और जेल कर्मचारियों के द्वारा की गई मेहनत और लगन की वजह से बंदियों द्वारा देश में किए गए नाम रोशन करने पर सभी को बधाई दी जाती है। जेल अधीक्षक आलोक सिंह और प्रभारी जेलर शैलेश सिंह ने दैनिक भास्कर संवाददाता एमजे चौधरी को बताया कि जेल में बंद बंदियों द्वारा आत्म निर्भर रहते हुए जेल में बंदियों को शासन की मंशा के अनुरूप कराए जा रहे कार्यों और बंदियों के द्वारा नृत्य संगीत कला डांस लेखन अन्य कार्यक्रम में शिरकत कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है । इसी का परिणाम है कि जेल में बंद बंदियों को अवसाद से ग्रस्त होने से बचाने के अलावा बंदियों के मानसिक रूप से मजबूत किया जा रहा है और बंदी आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ यह वादा भी करते हैं कि जेल से छूटने के बाद वह सभी बुरे काम बंद कर देंगे और समाज में रहकर समाज की तरह लोगों की सेवा और इंसानियत का फर्ज भी निभाने का कार्य करेंगे। देश में हुई संस्कृतिक विभाग और कालांतर आर्ट फउंडेशन के द्वारा प्रतियोगिता में डासना की जिला जेल में बंदियों द्वारा जिस तरह मेहनत और लगन के साथ प्रतियोगिता में भाग लेकर पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इसका श्रेय प्रदेश के डीजी जेल, जेल मंत्री और प्रदेश के जेल प्रशासन के साथ-साथ डासना की जिला जेल के जेल प्रशासन और जेल कर्मचारियों को भी जाता है, और सभी डासना की जिला जेल के जेल प्रशासन और कर्मचारियों द्वारा बंदियों को भविष्य की शुभकामनाएं दी जाती हैं। जिससे कि उनका भविष्य उज्जवल हो और जेल से बाहर निकलने पर वह समाज सेवा के साथ-साथ अपने परिवार का भी पालन पोषण सही रूप से कर सके। हमें गर्व है कि जेल प्रशासन में जहां डिप्टी जेलर अजय कुमार झा, डिप्टी जेलर संजय कुमार शाही, डिप्टी जेलर विजय कुमार गौतम और जेल कर्मचारियों द्वारा बंदियो को आत्मनिर्भर बनाने में पूर्ण रूप से मेहनत और लगन के साथ कार्य कर रहे हैं। सभी का आभार व्यक्त किया जाता है।