कानपुर। मां गंगा के अवतरण दिवस गंगा दशहरा पर कानपुर के सभी घाटों पर मंगलवार की सुबह से ही गंगा स्नान के लिए आस्था का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। बिठूर के साथ शहर के प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाकर दान पुण्य किया। पौराणिक मान्यता है कि जीवनदायिनी गंगा आज ही के दिन धरती पर अवतरित हुई थीं। उन्होंने राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। इसलिए इस दिन गंगा में स्नान और दान का बहुत अधिक पुण्य माना जाता है। सुबह से गंगा घाटों के किनारे भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। भक्तों ने गंगा स्नान करने के बाद घाट के किनारे पंड़ितों, कन्याओं, साधु संतों को भोजन करा उन्हें दक्षिणा दी।
हर-हर गंगे के जयघोष के बीच श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी
इसके अलावा मां गंगा का विधि-विधान के साथ श्रृंगार कर उन्हें चुनरी अर्पित की। गंगा दशहरा पर्व पर बुधवार देर रात से ही लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। जिस कारण सेंट्रल स्टेशन व बस अड्डों में भी काफी भीड़ रही। भक्तों ने स्नान करने के बाद भगवान शिव का अभिषेक किया और चंदन का टिका लगाकर भगवान से सुख समृद्घि की कामना की। वहीं, बहुत से लोग बोतलों में भरकर घर के लिए गंगाजल भी ले गए।
सरसैया घाट में सूर्य देव के निकलने के पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों के के लोग परिवार गंगा में स्नान करने को पहुंच गए। श्री मां गंगा समिति के बैनर तले बिठूर से जाजमऊ तक के घाटों में सुबह से ही वैदिक मंत्रों के बीच पूजा अर्चना की गई। मां गंगा की आरती उतारी गई। घाट-घाट हवन व पूजन हुआ। जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर घाट पर महायज्ञ का आयोजन किया गया।