बरेली : शासन के आदेश पर संयुक्त आयुक्त कृषि ने भी शुरू कर दी जांच-पड़ताल

बरेली। शासन के आदेश पर कृषि यंत्र घोटाले की एक और जांच शुरू हो गई है। संयुक्त आयुक्त कृषि ने तीन बिंदुओं पर जांच शुरू की है। शिकायतकर्ता किसानों से डिप्टी डायरेक्टर कृषि दीदार सिंह के आफिस में 20 साल से जमे बाबू के अलावा ट्रैक्टर एजेंसियों और निजी बैंक में फर्जी तरीके से खाते खुलवाने के प्रपत्र तलब किए गए हैं। कृषि विभाग के बाबू ने पति-पत्नी और सगे भाइयों को फर्जी किसान दिखाकर सरकारी सब्सिडी नवाबगंज के एक निजी बैंक में खाते खुलवाकर ट्रांसफर करा दी। उसके बाद बैंक ने सब्सिडी पाने वाले किसानों के खाते बंद कर दिए।

नवाबगंज में एक निजी बैंक में किसानों के खाते खुलवाकर किया गोलमाल

उत्तर प्रदेश सरकार की फार्म मिशनरी बैंक और कस्टम हायर योजना के तहत ट्रैक्टर, रोटावेटर, मल्चर, सुपर सीटर आदि कृषि यंत्रों में 12 लाख रुपये की लागत तक 80 प्रतिशत की सब्सिडी किसानों को दी जाती है। वर्ष 2020-21 में तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर कृषि डॉ. अशोक यादव और प्रभारी डीडी धीरेंद्र चौधरी के कार्यकाल में पटल बाबू शिवकुमार और तकनीकी सहायक नृपेंद्र कुमार ने बहेड़ी ब्लॉक के गांव मिंतरपुर में पति-पत्नी, दो सगे भाइयों समेत एक ही परिवार के तीन सदस्यों को किसान दर्शाकर 4-4 लाख रुपये की सब्सिडी उनके निजी बैंक के खाते में ट्रांसफर दी।

पति-पत्नी और सगे भाइयों को किसान दिखाकर दे दी सरकारी सब्सिडी

इनके फर्जी बिल लगाकर शासन को भेज दिए गए। वर्ष 2020-21 में कस्टम हायर सेंटर के 36 केंद्र स्थापित किए गए थे। प्रत्येक सदस्यों को 4 लाख रुपये की सब्सिडी के हिसाब से 1.44 करोड़ लाख रुपये की सब्सिडी का गोलमाल कर दिया गया। ब्लॉक भदपुरा में रामकुमार, लालता प्रसाद में प्रत्येक को भी कस्टम हायर पर चार लाख रुपये की सब्सिडी दी गई। इसी वर्ष 2020-21 में ही इन दोनों ही किसानों रामकुमार और लालता प्रसाद को फार्म मिशनरी बैंक की सब्सिडी भी प्रदान कर दी गई, जो कि नियम विरुद्ध है।

क्या हैं शासन के नियम

अगर कोई किसान कृषि विभाग की एक बार सब्सिडी लेता है तो उस किसान को पांच साल तक दूसरी सब्सिडी नहीं दी जा सकती। मगर, कृषि विभाग के बाबू और तकनीकी सहायक ने इन नियमों को दरकिनार करके दलालों को फर्जी किसान दर्शाकर डीलरों से मिलकर सब्सिडी में गोलमाल कर दिया। डीलरों ने बिल बनाकर बाबुओं को दे दिए। वही बिल शासन को भेज दिए गए।

20 साल से जमे बाबू की भूमिका संदिग्ध

जब असली किसान सरकारी सब्सिडी से वंचित रह गए तो वह क्षेत्रीय विधायक अताउर्रहमान से मिले। विधायक ने 17 जनवरी 2023 को शासन में शिकायत की। विधायक के पत्र पर शासन ने संयुक्त आयुक्त कृषि राजेश कुमार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। संयुक्त आयुक्त कृषि डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शिकायकर्ता के अनुसार सब्सिडी मामले में पटल सहायक और तकनीकी सहायक की भूमिका संदिग्ध है। उसकी जांच शुरू कर दी है। कृषि यंत्रों के बिल और अन्य प्रपत्र मांगे गए हैं। जांच जल्द पूरी करके दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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