हेमा मालिनी को संस्कृति विश्वविद्यालय ने दी डी. फिल की मानद उपाधि

भास्कर समाचार सेवा

मथुरा। सांसद हेमा मालिनी को संस्कृति विश्वविद्यालय ने डी. फिल की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। इस अवसर पर हेमा मालिनी ने अपने भाषण में विश्वविद्यालय को धन्यवाद दिया और कहा की मुझे इस ऑडिटोरियम का उद्घाटन का मौका मिला था। राष्ट्र के विकास में संस्कृति विश्वविद्यालय का योगदान है, इसका बड़ा नाम है, यह गर्व की बात है। मैं इस सम्मान को जन-जन को समर्पित करती हूँ।
संस्कृति विश्वविद्यालय ने समाज में उनके अतुलनीय योगदान के लिए डी. फिल की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, ग्रुप चेयरमैन आर के गुप्ता, कुलाधिपति डॉ. सचिन गुप्ता, उप कुलाधिपति राजेश गुप्ता, कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी द्वारा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हेमा मालिनी को यह उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, सम्माननीय अतिथिगण, शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक आदि सभी मौजूद थे। हेमा मालिनी भारतीय सिल्वर स्क्रीन की महानतम हस्तियों में से एक, भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और और मोहिनी अट्टम की महान कलाकार जिन्होंने भारतीय सिनेमा में धूम मचा दी। समाज के उत्थान में महिलाओं की भूमिका को परदे पर लाया और उनको प्रेरणा दी। इनकी प्रमुख उपलब्धिया रामायण, मीरा, सावित्री, दुर्गा, महालक्ष्मी, राधा कृष्ण, नृत्य मलिका, गीत गोविन्द, परम्परा, रुक्मिणी परिणय, यशोदा कृष्ण महान कृति द्रौपदी और राधा रासविहारी को कोरियोग्राफ किया। उनका नवीनतम स्टेज प्रोडक्शन ‘गंगा’ एक भव्य प्रदर्शन है जिसने दुनिया भर के दर्शको के बीच सराहना का भाव जगाया है।
भारतीय फिल्मो और कला में उनके योगदान के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें पद्यश्री से सम्मानित किया गया। भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। राजनीतिक करियर 2004 से राज्यसभा सदस्य के रूप में शुरू हुआ और 2014 के संसदीय चुनाव में मथुरावासियों के दिलो में अपनी जगह बनाई। हेमा मालिनी महिलाओं के लिए आदर्श साबित हुई है।

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