
भास्कर समाचार सेवा
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट पढ़ते हुए कुलपति प्रो. एम. बी. चेट्टी ने कहा की विश्वविद्यालय की स्थापना के समय जो लक्ष्य निर्धारित किये गये थे उनको प्राप्त करने के लिए विश्विविद्यालय बहुत तेजी से सफलताओं के साथ आगे कदम बढ़ा रहा है।
संस्कृति विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो एमबी चेट्टी ने विश्विविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ते हुए बताया कि हमारा विवि कुछ ही समय में भारत के कुछ सर्वश्रेष्ठ संस्थानों के साथ-साथ एक वर्ष में अधिकतम पेटेंट दाखिल करने वाला पहला सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बन गया। यह सम्मान हमें किसी और ने नहीं बल्कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिया है। रैंकिंग फ्रेमवर्क में भाग लेने वाले 1494 विश्वविद्यालय/संस्थानों के बीच एनआईआरएफ इनोवेशन रैंकिंग 2023 के शीर्ष 101-150 में स्थान मिला है। विश्वविद्यालय को एसोचैम द्वारा “इमर्जिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ द ईयर ” का पुरस्कार भी मिला है। विश्वविद्यालय को उत्कृष्ट छात्र विविधता और बुनियादी ढांचे और अनुसन्धान में सर्वश्रेठ युवा विश्वविद्यालय के रूप में हिन्दुस्तान शिक्षा शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया है।
विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित एक इन्क्यूबेशन सेंटर है, जो ज्ञान आधारित नवीन उद्यमों के विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। उद्यमिता विकास, कौशल विकास और मेक इन इंडिया कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री के कल्पित लक्ष्यों को साकार करने के लिए विश्वविद्यालय उद्यमिता विकास के क्षेत्र में संवेदीकरण कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है। विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित करता है की अधिकतम संख्या में छात्रों का प्लेसमेंट मिले, टीएंडपी सेल का लक्ष्य 100% छात्रों को प्लेसमेंट प्रदान करना है। विश्वविद्यालय के छात्रों को 400 से अधिक कंपनियों के भर्ती अभियान और सेवा में रखा गया है।
विश्वविद्यालय के पास संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, श्रीलंका, सिंगापुर में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालयो के साथ समझौता ज्ञापन है, इसके साथ संकाय और छात्रों के आदान प्रदान के लिए कई भारतीय विश्वविद्यालयो के साथ समझौता ज्ञापन है। हम जल्द ही ग्रीस, फ़िनलैंड और युएई के विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त डिग्री कार्यक्रम शुरू करेंगे।
वर्तमान दीक्षांत समारोह के दौरान, कुल 2620 छात्र डिग्री ले रहे है, जिनमें 1004 डिप्लोमा, 1378 यूजी, 217 पीजी और 21 पीएचडी है। कुल 622 छात्राएं और 1998 छात्र डिग्री ले रहे है। विश्वविद्यालय कुल 125 पदक प्रदान कर रहे है जिनमें 45 स्वर्ण पदक, 42 रजत और 38 कांस्य पदक शामिल है।
विश्वविद्यालय में एनसीसी बटालियन और एनएसएस इकाइयां है और छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते है। 2022 -23 के दौरान विश्वविद्यालय ने 3 राष्ट्रीय सेमिनार, चार संकाय विकास कार्यक्रम, 5 प्रशिक्षण कार्यक्रम, 8 करियर परामर्श सत्र, 60 से अधिक सेमिनार और वेबिनार आयोजित किये है। विश्वविद्यालय ने कई निःशुल्क चिकित्सा जाँच शिविर आयोजित किये है।
उन्होंने बताया कि संस्कृति विश्वविद्यालय की यात्रा 2016 में शुरू हुई जो इसे एक बहुत ही युवा विश्वविद्यालय बनाती है। इसके साथ ही हम अपने यहां 70 विभिन्न कार्यक्रमों को अंजाम देने वाले 15 स्कूलों को जिनमें लगभग 7500 से अधिक विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं और आगे ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विवि अपने लक्ष्य “वाक्य जीवन में उत्कृष्टता” के लिए निरंतर इनोवेशन और रिसर्च के क्षेत्र में काम कर रहा है। यही वजह है कि हमारा विवि कुछ ही समय में भारत के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में और एक वर्ष में अधिकतम पेटेंट दाखिल करने वाला 7वां विवि बन गया। नवोन्मेष उपलब्धि पर संस्थानों की अटल रैंकिंग “एआरआईआईए” द्वारा हमें 30वां बैंड परफॉर्मर भी दिया गया। प्रो चेट्टी ने बताया कि एमएसएमई के सहयोग से तीन उत्कृष्टता केंद्र रोबोटिक्स और ऑटोमेशन उत्कृष्टता केंद्र, सीएनसी मशीन उत्कृष्टता केंद्र, पारिस्थितिक खेती में उत्कृष्टता केंद्र संचालित हैं। एमएसएमई ने हमें संस्कृति विश्वविद्यालय में एक उन्नत और अच्छी तरह से सुसज्जित ऊष्मायन केंद्र स्थापित करने में भी मदद की है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया है।
कुलपति ने गर्व के साथ बताया कि इतना ही नहीं विवि के पास आज तीन ‘स्टार्टअप’ सफलतापूर्वक चल रहे हैं और 10 स्टार्टअप उत्तर प्रदेश सरकार के पास स्वीकृति हेतु विचारणीय हैं।
संस्कृति विवि अपने छात्रों को वैश्विक अनुभव प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए विवि नेने 40 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ-साथ 50 से अधिक राष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालयों और औद्योगिक संस्थानों के साथ करार किया है।