दैनिक भास्कर ब्यूरो
बरेली । हजारों की संख्या में कलेक्ट पहुंचे बीएड अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया।अभ्यर्थियों ने कहा है कि प्रदेश में 13 से 17 लाख बीएड छात्र हैं। जिन्होंने पीआरटी में भर्ती के लिए ही बीएड किया है। अब अचानक उन्हें इसके लिए अयोग्य करार दिया गया है। इस दौरान अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री को संबोधित कर ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। बेसिक विद्यालय में पीआरटी (कक्षा एक से पांच) में भर्ती के लिए अयोग्य माने गए बीएड अभ्यर्थियों ने कलेक्ट पहुंचकर प्रदर्शन किया। इस बीच अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री से मांग की कि वह यूपी में बीएड अभ्यर्थियों को पीआरटी में शामिल करने के लिए नेशनल काउंसिल फार टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) में आवेदन करें।
बहाली तक अंतिम परिणाम पर लगे रोक
बीएड अभ्यर्थी रुद्रांश नें कहा कि चार साल से टीजीटी-पीजीटी की भर्ती नहीं आई है। ऐसे में उनके पास कोई विकल्प भी नहीं है। रुद्रांश ने कहा कि उनके मित्र ने इसी बेरोजगारी के चलते खुदकुशी कर ली। टीजीटी की भर्ती आती नहीं जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 का गजट पत्र कैंसिल कर दिया है। जबकि बीएड अभ्यर्थी देश के प्राथमिक विध्यालयों के शिक्षक बनने की पूरी योग्यता रखते हैं। वही बीएड छात्रा संध्या शर्मा ने कहा अपनी सहूलियत के हिसाब से सरकार ने बीएड को बहाल किया जब बीएड योग्य नहीं था तो फिर क्यों बहाल किया । अब जो छात्र बीएड कर चुके हैं और जो कर रहे हैं उनका भविष्य खतरे में है। उन्होंने सरकार से अपील की सरकार बीएड के छात्रों के हक में भी फैसला करें बीएड अभ्यर्थियों को दरकिनार ना किया जाए।
अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि भारत सरकार राजपत्र को रद्द किए जाने के मामले को संज्ञान में लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करे, ताकि इस पर तर्कपूर्ण सुनवाई हो सके। इसके साथ ही केवीएस, बीपीसीएस शिक्षक भर्ती सहित सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में बीएड अभ्यर्थियो के लाखों की संख्या में आवेदन के तहत पीआरटी में बीएड डिग्री पुन:बहाली होने तक भर्ती के इंटरव्यू व अंतिम चयन परिणाम कर रोक लगाई जाए।