नई दिल्ली (ईएमएस)। रविवार को पहली बार नए संसद भवन में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नई पार्लियामेंट बिल्डिंग के गजद्वार पर ध्वजारोहण किया। इस दौरान राष्ट्रगान होने के बाद दोनों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। आयोजन में तमाम केंद्रीय मंत्री तथा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी उपस्थित रहे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी की कार्य समिति के बैठक में हिस्सा लेने के लिए हैदराबाद में मौजूद थे इसलिए वह नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि सोमवार को संसद के विशेष सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पार्लियामेंट के स्पेशल सेशन की शुरुआत पुरानी बिल्डिंग में होगी और 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन संसदीय कामकाज का नई इमारत में प्रवेश होगा।
नए भवन में होगा संसद का विशेष सत्र
संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही जो कि 19 से 22 सितंबर तक चलेगी, नई बिल्डिंग में होगी। वहीं केंद्रीय मंत्रियों को नई संसद में दफ्तर भी अलॉट हो गए हैं। अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी समेत 11 वरिष्ठ मंत्रियों को ग्राउंड फ्लोर पर ऑफिस अलॉट हुआ है, अन्य के दफ्तर फर्स्ट फ्लोर पर होंगे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को पुरानी संसद के ठीक सामने नए भवन की आधारशिला रखी थी। नई संसद 29 महीने और 973 करोड़ रुपए की लागत के बाद बनकर तैयार हुई है।
निमंत्रण पत्र देर से मिलने की बात उठी
कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र देर से मिलने के कारण कार्यक्रम में शामिल नही होने की बात भी कुछ पार्टी के नेताओं ने कही। वहीं केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पार्टियों के यह कहने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सही नहीं है कि उन्हें ध्वजारोहण समारोह का निमंत्रण ‘काफी देर से’ मिला और मल्लिकार्जुन खड़गे ने समारोह में भाग नहीं लिया। जोशी ने कहा कि यदि निमंत्रण देर से भेजा गया था, तो कांग्रेस के नेता अधीर रंजन कैसे आए? लेकिन मल्लिकार्जुन नहीं आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा राजनीति करना चाहती है।’ यही तर्क टीएमसी जैसे कुछ अन्य विपक्षी दलों द्वारा भी दिया गया था।
क्या मै काफी नहीं हूं : अधीर रंजन
मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे पर कहा, ‘क्या मैं काफी नहीं हूं? अगर मैं यहां उपयोगी नहीं हूं, तो मुझे बताएं मैं चला जाऊंगा, जो लोग यहां मौजूद हैं उन पर ध्यान केंद्रित करें, मैं यहां हूं, क्या मीडिया के लोगों के लिए यह पर्याप्त नहीं है।’ बता दें कि नए संसद भवन में कर्मचारियों का ड्रेस कोड भी बदल गया है। पार्लियामेंट स्टाफ के लिए नए ड्रेस कोर्ड के तहत नेहरू जैकेट और खाकी रंग की पैंट को शामिल किया गया है। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक ब्यूरोक्रेट्स बंद गले के सूट की जगह मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहनेंगे। उनकी शर्ट भी कमल के फूल के डिजाइन के साथ गहरे गुलाबी रंग में होगी।