काठमांडू (हि.स.)। भारत और नेपाल के बीच अब राज्य स्तर पर भी विद्युत खरीद-बिक्री पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के बीच हुई बैठक के बाद केन्द्र सरकार के अलावा अब राज्य सरकारों को भी नेपाल से बिजली खरीदने और बेचने की अनुमति दी गई है।
नई दिल्ली में पिछले दो दिनों तक इंडो नेपाल ज्वाइंट टेक्निकल टीम की बैठक में इस तरह की सहमति होने की जानकारी दी गई है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण और भारत के ऊर्जा मंत्रालय अन्तर्गत विद्युत व्यापार निगम के अधिकारियों की बैठक में दोनों देशों के बीच रहे 132 केपीए प्रसारण लाइन से सीमावर्ती राज्यों को बिजली खरीदने और बेचने पर सहमति हुई है। बैठक में शामिल नेपाल विद्युत व्यापार विभाग के निदेशक प्रबल अधिकारी ने बताया कि इस सहमति के बाद नेपाल से और अधिक बिजली भारत के राज्यों को बेचने का रास्ता खुल गया है।
अधिकारी ने बताया कि अब तक नेपाल और भारत के बीच मुफ्फरपुर-ढल्केवर के बीच रहे 400 केवीए प्रसारण लाइन से ही बिजली का व्यापार हो रहा है। यह बिजली भारत के केन्द्रीय प्रसारण लाइन को सीधे बेचा जा रहा है। लेकिन दिल्ली में हुई सहमति के बाद अब उत्तर प्रदेश के नौतनवा से लेकर नेपाल के मैनहिया तक रहे 132 केवीए क्षमता वाले प्रसारण लाइन और नानपारा से नेपाल के कोहलपुर तक रहे 132 केवीए प्रसारण लाइन से बिजली व्यापार किया जा सकता है। नेपाल और भारत के बीच इस समय 450 मेगावाट बिजली का नियमित व्यापार हो रहा है। इसे बढ़ा कर जल्द ही 550 मेगावाट करने पर पहले ही सहमति हो चुकी है। नेपाल के कई हाईड्रो पावर को भारत में बिजली बेचने के लिए हरी झंडी दे दी गई है।