कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के लाला लाजपत राय हॉस्पिटल में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व मानसिक दिवस 10 अक्टूबर को मानसिकता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया। यह पहली बार 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ मेंटल हेल्थ (डब्लू.एफ.एच.एम) की एक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है जिसके सदस्य और सम्पर्क 150 से अधिक देशों में ही इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा भी मनाया जाता है।
इस बार की भी मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है (मेंटल हेल्थ इज ए यूनीवर्सल) अर्थात इस बार मानसिक स्वास्थ्य सुविधाओ तक सबकी पहुंच बढाने और जनमानस को और जागरूक करने पर है जिससे वह झिझके नही बल्कि सामने आकर और अन्य लोगों को विशेषज्ञ की राय लेने को प्रोत्साहित करे जिससे मनोरोग को रोका जा सके।
भारत में हर पांचवा व्यक्ति नशे का आदी है उसका इलाज करवाया जाना चाहिए। 10.7 प्रतिशत व्यक्ति अन्य गंभीर मानसिक रोग जैसे या अवसाद से ग्रसित है। नशे की समस्या पुरूषो में और अवसाद की समस्या स्त्रियों में ज्यादा है। शहरी के किशोरों में मानसिक रोग ज्यादा पाए जाते है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2016 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 20 लाख की आबादी पर मात्र 3 मानसिक रोग विशेषज्ञ है। मानसिक रोग से सामाजिक जीवन प्रभावित होता है यदि सही समय पर इलाज कराया जाय तो व्यक्ति का जीवन बेहतर हो जाता है और समाज का एक हिस्सा बन जाता है।
इस मौके पर मानसिक रोग विभागध्यक्ष डॉक्टर धंननज्य चौधरी ने बताया कि मानसिक रोगों के लक्षणो में प्रमुख है कि मरीज अत्याधिक दुःखी रहता है, बड़ी- बड़ी बाते करना, घर से भाग जाना, लोगों को ना पहचानना, सरदर्द, नशा करना शामिल है। इस मौके पर मानसिक रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर धनंजय चौधरी ,प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर आर के सिंह , सी एम एस डॉक्टर निर्लेष त्रिपाठी डॉक्टर, अनुपम सिंह यादव की उपस्थिति में नुक्कड़ नाटक एवं कार्य किए गये। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज एवं पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे।