दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। डेंगू-मलेरिया बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने पर झोलाछाप भी सक्रिय हो गए हैं। गली मुहल्लों में अपने क्लीनिक खुले हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने के बजाय नोटिस देने तक ही सीमित है। फिलहाज डेंगू के खौफ में झोलाछाप डाक्टरों की दुकानें चल निकली है। बीसलपुर में डेंगू, मलेरिया और वायरल के मरीजों को ड्रिप चढ़ाकर उनकी जिदगी से खिलवाड़ हो रहा हैं। जिसके बदले वह मोटी रकम वसूल रहे हैं। डेंगू जांच को भी नमूने लेकर जांच को भेज रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ड्रिप लगाने से मरीज के शरीर का बीपी व सोडियम-पोटेशियम की मात्रा असंतुलित हो जाती है। कुछ झोलाछाप डॉक्टर मरीज को अपनी दुकान में ना बैठ कर अपनी बैठकों में और कमरों में कर रहे इलाज जिससे मरीज की मौत भी हो सकती है।
उधर, डेंगू का प्रकोप एक बार फिर मरीजों पर भारी पड़ रहा है। पैथोलॉजी में डेंगू की जांच के लिए कोई रेट स्वास्थ्य विभाग ने सार्वजनिक नहीं किए हैं। इसके कारण निजी पैथोलॉजी सेंटर पर अलग-अलग रेट वसूले जा रहे हैं। 250 रुपये की रैपिड किट की जांच के एक हजार रुपये से 1200 रुपये वसूल किए जा रहे हैं। जबकि अस्पताल में यह जांच फ्री होती है। ऐसे में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पताल के बराबर में निजी पैथोलॉजी पर डेंगू की जांच के बारे में पता किया गया तो 1200 रुपये फीस बताई गई। एक घंटे में रिपोर्ट की बात बताई। इसके बाद 12 पत्थर के पास पैथोलॉजी सेंटर पर डेंगू की जांच की कीमत 1000 रुपये बताई गई। यहीं नहीं, बीसलपुर तहसील के पास पैथोलॉजी सेंटर पर 900 रुपये में डेंगू की जांच हो रही है।
बयान- डा0 लेखराज अधीक्षक सीएचसी बीसलपुर
मलेरिया में ठंड, कंपकंपी के साथ निश्चित अंतराज पर बुखार आता है। जबकि डेंगू में बुखार लगातार बना रहता है। इसके में हड्डियों व जोड़ों में असनीय दर्द होता है। मलेरिया में अधिक बुखार आने से झटके लगते हैं जिससे बेहोशी की भी समस्या हो सकती है। इन लक्षणों के होने पर तत्काल चिकित्सक के पास पहुंचकर उपचार लेना चाहिए।