बहराइच : जल्द इलाज पहुंचाने को 8 लाख से अधिक आबादी में खोजे जायेंगे टीबी के संभावित मरीज

  • आज से अर्बन सहित 10 ब्लाकों में चलेगा अभियान
  • 1.5 लाख से अधिक घरों में 320 टीम देंगी दस्तक
  • टीबी प्रसार को रोकने में मिलेगी मदद, कम समय में स्वस्थ होंगे मरीज

दैनिक भास्कर ब्यूरो ,

बहराइच l टीबी एक गंभीर बीमारी है। समय से सम्पूर्ण इलाज कराने से व्यक्ति टीबी मुक्त हो जाता है । लेकिन कुल आबादी में 5 से 10 फीसदी ऐसे टीबी के मरीज होते हैं जिनमें लक्षण तो होते हैं लेकिन वह जांच व इलाज के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाते और मर्ज बढ़ जाता है।  ऐसे में टीबी के संभावित मरीजों की खोज कर उन्हें इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से 23 नवंबर से 5 दिसंबर तक एसीएफ़ ( एक्टिव केस फाइंड ) अभियान चलाया जाएगा ।  इसके लिए ऐसे समूह और क्षेत्रों का चयन किया गया है जहां  टीबी के संक्रमण का अधिक खतरा है।

यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बतायी ।  उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी के सक्रिय रोगियों की खोज की जाएगी। इसके लिए मलिन बस्ती, उच्च जोखिम वाली जनसंख्या जिसमें शुगर व एचआईवी के अधिक मरीज हैं, मदरसा, डीएम कालोनी, एलआरपी कालोनी, अस्पताल कैंपस, पीडबल्यूडी, सिंचाई विभाग कालोनी ,नयोदय विद्यालय व कारागार के अलावा ईंट भट्ठों और साप्ताहिक बाजारों में अभियान चलाकर टीबी के संभावित लक्षणों वाले मरीजों को खोजा जायेगा। चिन्हित लक्षण वाले व्यक्तियों के बलगम की जांच की जाएगी।

जांच में पाए गए धनात्मक रोगियों का इलाज किया जायेगा।इससे जहां एक ओर टीबी प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी वहीं जल्द इलाज शुरू होने से मरीज कम समय में ही टीबी मुक्त हो सकेंगे।

अर्बन सहित 10 ब्लाकों में चलेगा अभियान –

जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ एमएल वर्मा ने बताया कि टीबी के संभावित मरीजों को खोजने के लिए करीब 8 लाख की आबादी में अभियान चलाया जाएगा । इसमें बहराइच शहर सहित हुजूरपुर, मोतीपुर, तेजवापुर, रिसिया, पयागपुर, कैसरगंज, जरवल और फखरपुर को शामिल किया गया है।  इसके लिए 320 टीम और 64 सुपरवाइजर लगाए गए हैं जो तकरीबन 1.60 लाख घरों का भ्रमण करेंगे ।

क्या है टीबी ?

डीटीओ डॉ वर्मा ने बताया कि टीबी माइक्रो बैक्टीरिया ट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण के कारण होता है। वैसे तो नाखून और बाल को छोड़कर यह शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह फेफड़ों में होता है । फेफड़ों में होने वाली टीबी इस बीमारी के प्रसार का मुख्य कारण भी है । एचआईवी के मरीजों में टीबी की आशंका 60 गुना तक ज्यादा हो जाती है।

कैसे फैलती है टीबी ?-

• टीबी रोगी के खाँसने या छीकने पर

• रोगी द्वारा इधर उधर खुली जगह पर बलगम थूकने पर

• रोगी के रुमाल, ओढ़ने, बिछाने की चादरें, तौलिए आदि का प्रयोग करने से

इन लक्षणों पर कराएं टीबी की जांच –

• दो सप्ताह से अधिक खांसी और बुखार होने पर

• सीने में दर्द रहने पर

• खांसी के साथ खून आने पर

• भूख न लगने पर

• वजन घटने पर

क्या है उपाय –

टीबी एक गंभीर रोग है लेकिन इसका उपचार संभव है । डीटीओ ने बताया कि जनपद में टीबी की आधुनिक जांच मशीने व दवाएं उपलब्ध हैं । बीमारी की शुरुआत में ही सम्पूर्ण इलाज करने से औसतन छह माह में व्यक्ति टीबी मुक्त हो जाता है।

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