
भास्कर समाचार सेवा
बिजनौर।विश्वस्तर की शतरंज प्रतियोगिता विवेक काॅलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुभारम्भ किया गया। जिसमें जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल ने कहा कि शतरंज के खेल के उद्भव के बारे में इसकी प्राचीनता को महाभारत के समय से भी जोड़ा जाता है।हालांकि इसकी अधिक लोकप्रियता गुप्तकाल में हुई थी। यही नहीं भारत में इस तरह के और भी कई खेलों का उद्भव प्राचीन समय में हुआ है।शतरंज भारत की ओर से दुनिया को खेल के तौर पर एक महान उपहार है।उन्होने देश विदेश से आये प्रतिभागियों को बिजनौर के महत्व के बारे बताते हुये कहा कि यह महात्मा विदुर एवं महर्षि कण्व की धरती है। यहा के राजा भरत के नाम पर ही भारत का नाम पडा है। उन्होने सभी खिलाडयों को शुभकामनाऐं दी। इस अवसर पर गितिका, मतुल मनीष, प्रिया, आयुषी, पल्लवी, स्नेहा, स्पर्था आशीष आदि ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। मुम्बई से आये प्रतियोगिता के निदेशक निकलेश जैन ने कहा कि बिजनौर एतिहासिक होने के साथ प्रतिभा का धनी शहर है। यहा की प्रतिभाऐं देश विदेश में बिजनौर का नाम रोशन कर रही है। उन्होने कहा कि निश्चित रुप से इस प्रतियोगिता में कोई महान खिलाडी जरुर निकलेगा । उन्होने प्रतियोगिता के नियमों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। महाविद्यालय के चेयरमैन अमित गोयल ने कहा कि यह विवेक काॅलेज के लिये गर्व का विषय है कि इतनी बडी प्रतियोगिता के लिये बिजनौर के विवेक काॅलेज को चुना गया है। इस प्रतियोगिता से बिजनौर के लोगो में शतरंज के प्रति रुझान बढेगा और यहा की प्रतिभाऐं विश्व पटल पर बिजनौर का नाम रोशन करेगी। बिजनौर चैस एशोसिएशन के सचिव दुष्यन्त कुमार ने बताया कि प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों के 226 प्रतिभागीयों ने भाग लिया। प्रथम रांउड में मुख्य चैस बोर्ड पर महाराष्ट्र के कुलकर्णी ने उत्तर प्रदेश के अक्षत को हराया वही तमिलनाडू के रामानाथन बाला सुब्रहण्यम ने उत्तर प्रदेश के अली रहमान को मात दी, बिजनौर के अनय अग्रवाल ने पिताम्बर सिह को हराया। वजीर अहमद खान ने अरहम जैन को हराकर बढत हासिल की। शतरंज प्रतियोगिता का शुभारम्भ जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल, प्रतियोगिता के निदेशक निकलेश जैन, चीफ आरबिटर संदेश नागर नाईक, बिजनौर चैस एसोशिऐशन के सचिव दुष्यन्त कुमार, महाविद्यालय के चैयरमेन अमित गोयल, सचिव दीपक मित्तल, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र अग्रवाल, महाविद्यालय के प्रशासनिक निदेशक डा ओ.पी. गुप्ता द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। कार्यक्रम का संचालन शालनी राजपूत तथा विश्वजीत द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रुति अग्रवाल, वन्दना चैहान, नितिन, सात्विक भटनागर, तरुण गुप्ता, शुभम गौड, सरस्वती राजपूत, पूनम रानी, मेघा गर्ग, सीमा रानी, अदिति रानी, डा हितेश शर्मा, मुकुल कुमार, डा दीप्ती डिमरी, डा संतोष गुप्ता आदि का सहयोग रहा।