सीतापुर। गोमती नदी से लगातार निकल रहे गोवंशों के शवों को लेकर प्रशासन चैकन्ना हो उठा है। जिलाधिकारी ने नदियों की किनारे या दो किलोमीटर की दूरी तक स्थित गोशालाओं का की सूचा मांगी है। जिस पर सभी विकास खंडों से जानकारी ली गई है जिसमें 13 विकासखंडों की 108 गोशालाओं का चिन्हीकरण किया गया है जो कि नदियों किनारे अथवा दो किलोमीटर पर स्थित है। बताते चलें कि 12 फरवरी को सिधौली तहसील क्षेत्र के कोहनी घाट पर करीब 30 गोवंश, महिश तथा बकरियों के शव नदी में पहते हुए पाए गए थे। जिस पर हिन्दू संगठनों ने जमकर बवाल काटा था। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने शवों को बाहर निकाल उनका पोस्टमार्टम कराया था। उसके बाद दो बीडीओ तथा तीन अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई की चाबुक भी चली थीर। इस घटना को दो दिन ही बीते थे कि 15 फरवरी को फिर गोवंशों, महिशवंश तथा बकरियों के शव मिलने से सनसनी फैल गई। इस बार शव संदना थाना के तेरवा गांव के निकट निकली गोमती नदी के तेरवा घाट में देखे गए। जानकारी होते ही प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचाा और शवों को निकाल कर उन्हें जमीन में दफना दिया गया।
लगातार दो बार शवों के मिलने से प्रशासन भी बेचैन हो उठा। जिस पर जिलाधिकारी ने एहतियातिक तौर पर तत्काल नदियों के किनारों के गोशालों की सूची मांगी। डीएम के निर्देश प्शुपालन विभाग के द्वारा जो सूची तैयार की गई है उसके अनुसार जिले के 13 विकासखंड ऐसे हैं जिनमें 108 गोशालाएं ऐसी है जो नदियों के किनारे स्थित है। डीडीओ हरिश्चंद्र प्रजापति की माने तो गोमती नदी में गोवंशों के शव मिलने के बाद जिलाधिकारी द्वारा यह गंभीर कदम उठाया गया है। विकासखंड वार गोशालाओं की सूची बनाई गई है। जो नदियों के किनारे गोशालाएं है उन पर प्रशासन आरैर भी अधिक निगाह रखेगा। साथ ही वहां पर और भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजामात किए जाएंगे ताकि कोई दूसरी अप्रिय घटना ना घटित हो सके।
वहीं इस बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि जो शव मिल रहे है वह पुराने है। शव कहां से आ रहंे है इसकी जांच चल रही है। यह किसी गोशाला से नहीं है। उन्होंने आशंका जताई कि यह शव पड़ोसी जनपद हरदोई से आ रहे है। ग्रामीण क्षेत्र में जो जानवर मरते हैं उन्हें नदियों में प्रवाह कर देते हैं यह वही जानवर है।
इनसेट
13 ब्लाकों में इन नदियों के किनारे स्थित 108 गोशालाएं
जिले की नदियों के किनारे स्थित गोशालाओं की जो सूची तैयार की गई हे उसमें विकासखंड परसेन्डी में नौ गोशालाएं ऐसी है जो शारदा सहायक नहर, गोन नदी तथा सरायन नदी के किनारे सिथत है। इसी तरह से विकासखंड कसमंडा में 04 गोशालाएं ऐसी हैं जो सरायन नदी तथा गोन नदी के पास सिथत है। विकासखंड मछरेहटा में 1 गोशालाएं ऐसी है जो सरायन नदी के पास है। ब्लाक खैराबाद में पांच गोशालाए ंसरायन नदी के पास स्थित है। इसी तरह से ब्लाक एलिया में 5, लहरपुर में 1, ब्लाक पहला में 4, ब्लाक बिसवां में 1, सिधौली में 4, ब्लाक मिश्रिख में 04 तथा सिधौली में 3 गोशालाएं नदी के पास स्थित है।