एक शिक्षक के भीतर नेतृत्व की क्षमता का विकास होना आवश्यक: प्रो0 सी0 डी0 सुन्था,
विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं काॅलेजों के शिक्षाविदो का लगा जमवाडा

भास्कर समाचार सेवा
बिजनौर।विवेक काॅलेज ऑफ एजुकेशन में आई.सी.एस.एस.आर. नई दिल्ली द्वारा प्रयोजित राष्ट्रीय सेमीनार का सफल आयोजन हुआ । जिसकी थीम अमृत कालः एजुकेशन हेरिटेज एण्ड न्यूट्रेशन एजुकेशन रही ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उच्चशिक्षा निदेशक उत्तराखंड डाॅ0 सी.डी. सुन्था रहे। इस अवसर पर उन्होने कहा कि एक शिक्षक के भीतर नेतृत्व की क्षमता का विकास होना आवश्यक है। उन्होने आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स व इससे जुड़ी भविष्य की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारंम्भ मुख्य अतिथि उच्चशिक्षा निदेशक उत्तराखंड डाॅ0 सी0 डी. सुन्था, हिमाचल केन्द्रीय विश्वविद्यालय डाॅ0 दीपक पंत, मिजोरम केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रौफसर डा लोकनाथ मिश्रा, उत्तराखण्ड के एन0आई0ओ0एस0 निदेशक प्रो0 डी0 एन0 उप्रेती, भूतपूर्व निदेशक डी0टी0टी0ई0 डाॅ0 विमल डिमरी महाविद्यालय के चैयरमेन अमित गोयल सचिव दीपक मित्तल ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
इस राष्ट्रीय सेमीनार की आयोजक विवेक काॅलेज ऑफ एजुकेशन प्राचार्या डाॅ0 दीप्ति डिमरी ने सभी अतिथि गणों का स्वागत करते हुए कहा कि अमृत काल योजना व शिक्षक-शिक्षा विरासत पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान परिपेक्ष्य में किये जा रहे सकल प्रयासों पर चर्चा की ।
इस अवसर पर डाॅ0 दीपक पंत ने नये शैक्षिक परिवेश में प्राचीन परम्पराओं एवं विरासत के ध्यान में रखते हुए किस प्रकार शैक्षिक गुणवत्ता बढाये जाए इस पर प्रकाश डाला। प्रो0 लोकनाथ मिश्रा ने अपने विचार साझा करते हुए नई शिक्षा नीति अमृत कालः के सन्द्रर्भ कैसे प्रभावी होगी तथा गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर प्रकाश डाला । इस क्रम मे प्रो0 डी0 एन0 उप्रेती (निदेशक एन0आई0ओ0एस0) ने सामाजिक आर्थिक परिपेक्ष्य में शिक्षा की भूमिका पर चर्चा की तथा भारत सरकार द्वारा किये जा रहे सकल प्रयासों की सराहना की। डाॅ0 विमल डिमरी (भूतपूर्व निदेशक डी0टी0टी0ई0) ने कौशल केन्द्रित शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त किये। प्रो0 एस0 के0 जोशी ने पाश्चात्य संस्कृति का भारतीय संस्कृति पर पड़ते वाले व्यापक प्रभाव की चर्चा करते हुए शंकराचार्य के दर्शन को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से जोड़ने । डाॅ0 महफुज अहमद ने बच्चों मे बढ़ रही आत्म हत्या की प्रवृति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रायोगिक ज्ञान और परामर्श की जीवन में नितान्त आवश्यकता है।
कार्यक्रम के अन्त में विवेक ग्रुप के चेयरमैन अमित गोयल ने देश के विभिन्न प्रदेशों के शिक्षकों का धन्यवाद व्यक्त करते हुये, वर्तमान शैक्षिक चुनौतियों को देखते हुए कहा कि विवेक काॅलेज शिक्षा के क्षेत्र में नित नये प्रयोग आवश्यक मानता है। जिससे प्रत्येक बालक को शिक्षा के समान अवसर मिल सके। हमारा प्रयास शिक्षा के साथ नैतिकता को अनिवार्य माना जाता है।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 निधि शुक्ला एवं श्रीमती शालिनी ने किया कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों सें आये हुए विद्वतजनों डाॅ0 पारूल त्यागी, डाॅ0 एस0 के0 जोशी, डाॅ0 महफूज, डी0 एन0 उप्रेती ने अपने अमूल्य विचार साझा किये। विभिन्न विभागो के प्राचार्य डाॅ0 राजीव चैधरी, डाॅ0 एस0 के0 त्यागी, डाॅ0 एम0 जी0 रंगनाथन, डाॅ0 सर्वेश शीतल, डाॅ0 सौरभ शर्मा, डाॅ0 संदीप अग्रवाल व शिक्षक शिक्षा के समस्त सहायक प्रवक्ताओं का सहयोग रहा ।