पीलीभीत। एक गांव में गन्ना किसानों को जागरूक करने के लिए गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला गन्ना अधिकारी ने किसानों को पेड़ी व बैयर गन्ने की फसल को लेकर जानकारी दी।
गोष्टी में डीसीओ खुशीराम भार्गव ने किसानों को बताया गया कि गन्ने की कटाई के बाद पेड़ी प्रबंधन करने से गन्ने का फुटाव अच्छा होता है। पेड़ी गन्ने के ठूठ मे एथोफोन दवा की 50 मिली. मात्रा को 500 लीटर पानी मे घोलकर छिड़काव करने से पौधे अच्छी वृद्धि करते है। पेड़ी गन्ना में समय समय पर निराई गुड़ाई करना लाभ होता है और सिंचाई भी करे। काला चिकटा, दीमक, सैनिक कीट व मिलीबग से बचाव के लिए क्लोरोपाईरीफॉस 50 प्रतिशत एवं साईंपर 5 प्रतिशत की 400 मिली. दवाई 400 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए।
गन्ने में खरपतवार अधिक निकलते है। इसके लिए 2,4 डी एक किग्रा. सक्रिय तत्व 500 लीटर पानी मे घोल कर छिड़काव किया जा रहा है। छोटी बेधक कीट का प्रकोप दिख रहा है तो क्लोरोपाईरीफॉस 20 ई. सी प्रति लीटर का प्रति हे. 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव किया जाए। बेधक कीटो के नियंत्रण के लिए ट्राईकोकार्ड का प्रयोग भी किया जा सकता है।
दीप्ति देव यादव प्रधान प्रबंधक पूरनपुर चीनी मिल ने किसानों को बताया गया कि उचित प्रबंधन से पेड़ी गन्ने से अच्छी पैदावार ली जा सकती है। पेड़ी गन्ना से बीज की मात्रा, बुवाई, बीज यातायात आदि की बचत होती है। इस मौके पर संजय श्रीवास्तव ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक पूरनपुर, अजय यादव मुख्य गन्ना अधिकारी पूरनपुर चीनी मिल,कृषक गुरुमंगत सिंह चीमा, गुरभाग सिंह, त्रिलोचन सिंह ,तेजपाल सिंह ,जगतार सिंह, लालता प्रसाद, टिंकू सिंह, हरी प्रसाद, पवन कुमार व अन्य लोग मौजूद रहे।