नई दिल्ली । दुनिया भर में एयरबैग को सबसे बेहतर सेफ्टी उपकरण के तौर पर माना जाता है। एयरबैग आमतौर पर पॉलिएस्टर की तरह की मजबूत टेक्सटाइल या कपड़े से बना एक गुब्बारे जैसा कवर होता है। दुनिया में सबसे पहले एयरबैग को 1950 के दशक में खोजा गया था। यह एक सुरक्षा उपकरण है। कंपनियां इसे कार के स्टीयरिंग व्हील, दरवाजे और डैशबोर्ड पर लगाती हैं। जब भी एक्सीडेंट की स्थिति निर्मित होती है तो खतरे का अहसास करके एयरबैग पलभर में खुल जाता है और चोट या मौत की आशंका को कम करता है।
एयरबैग, कार के सेंसर से कनेक्ट रहता है। ये सेंसर कार की टक्कर होने पर एक्टिव हो जाते हैं और एयरबैग तक मैसेज भेजते हैं। इसके बाद एयरबैग झट से खुल जाते हैं। ये प्रक्रिया बेहद तेजी से होती है। बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा भारतीय कारों में साल 2019 से अनिवार्य कर दिया गया है। मार्च 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा था कि अगर कारों में फंक्शनल एयरबैग का इस्तेमाल किया गया होता तो साल 2020 में देश भर में 13,022 लोगों की जान बचाई जा सकती थी।