पेरिस। फ्रांस में खूब बारिश के बाद ग्लेशियर पर बनी झील की दीवार टूटी। यानी ग्लेशियल लेक टूटी। इसके बाद पानी, बड़े बर्फ के टुकड़े, पत्थर, मिट्टी और मलबा बहते हुए तेजी से ला बेरार्डे गांव में आया। यह फ्रांस का खूबसूरत स्की रिजॉर्टट है। जहां दुनिया भर से स्कीयर आते हैं। ला बेरार्डे से करीब 135 किलोमीटर दूर स्विट्जरलैंड के जरमैट में इसी तरह का मौसम बना। वहां भी मैटरविस्पा नदी में फ्लैश फ्लड आया। जिससे नदी के किनारे टूट गए। इसकी वजह से जरमैट कस्बे में बाढ़ आ गई। पूरे कस्बे में यातायात बंद हो गया। न ट्रेन चल रही है। न ही गाड़ियों के चलने लायक सड़क बची है। स्विट्जरलैंड में प्रशासन ने इस आपदा को चौथे स्तर की आपदा बताई है। रोन नदी और उसकी शाखाएं भी बाढ़ग्रस्त हैं। प्रशासन को आशंका है कि इसकी वजह से और जगहों पर भी बाढ़ आएगी। जहां से आपदा आई, वो एल्प्स के पहाड़ कम से कम 4000 मीटर ऊंचे हैं।
अच्छी बात ये है कि इस घटना में किसी के मौत की खबर नहीं आई है। हालांकि पूरा कस्बा बर्बाद हो गया है। घर टूट गए हैं। सड़कें लापता हो गई हैं। सैकड़ों लोगों यानी कस्बे के स्थानीय लोग और पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इमरजेंसी सर्विसेस ने हेलिकॉप्टर के जरिए वहां फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला। ला बेरार्डे के ऊपर एल्प्स के पहाड़ हैं। जहां पर बॉनपियरे ग्लेशियर मौजूद है। यह ग्लेशियर 2600 मीटर यानी 8530 फीट ऊपर ग्लेशियल लेक टूटी। यह लेक 40 घंटे पहले ही बनी थी। वैज्ञानिक इसे सुप्राग्लेशियल लेक कह रहे हैं। यानी बारिश और बर्फ के पिघलने से तत्काल बनी झील। जिसकी दीवार टूटी तो ला बेरार्डे में आपदा आई। बता दें कि एकरिन नेशनल पार्क में आता है, जो एल्प्स की पहाड़ियों में बसा है। लगातार बारिश की वजह से 2600 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद बर्फ पिघली। ग्लेशियल लेक टूटी और इससे फ्लैश फ्लड आया। अचानक आई इस बाढ़ ने इटैनकॉन्स टोरेंट नाम के ब्रिज को तोड़ दिया। यह इकलौता ब्रिज था, जिसके जरिए ला बेरार्डे जाया जाता था।