- अधिकांश चालकों के पास इंसोरेंस, ऑटो की फिटनेस, आरसी, प्रदूषण तो छोड़ो ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं
भूपेन्द्र सागर
हापुड़। जनपद में नाबालिक चालाक ऑटो रिक्शा दौड़ा रहे हैं। जिसके चलते दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर ये क्षमता से अधिक सवारियां ढो रहे हैं। इन्हें न तो पुलिस का खौफ है और न ही सवारियों की जान की चिंता। वहीं तेज आवाज में म्यूजिक बजाकर राहगीरों को भी परेशान करते हैं।
जनपद हापुड़ सहित गढ़ क्षेत्र के नेशनल हाइवे-9 समेत नगर की सड़कों पर बिना लाइसेंस नाबालिग धड़ल्ले से ऑटो चला रहे हैं। गढ़-मेरठ रोड पर करीब सात वर्ष पूर्व पहले हुए सड़क हादसे में ऑटो में सवार आधा दर्जन सवारियों की मौत हुई थी। लेकिन पुलिस प्रशासन ने इन घटनाओं से भी सबक नहीं लिया। इस घटना के बाद कुछ महीनों के लिए सड़कों पर ऑटो का संचालन बंद सा हो गया था। लेकिन दोबारा सड़कों पर ऑटो की भरमार हो गई है। अधिकांश चालकों के पास इंसोरेंस, ऑटो फिटनेस, आरसी, प्रदूषण तो छोड़ो ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं होते हैं। अधिक कमाई के लालच में ऑटो चालक चार सवारियों के जगह आठ सवारियां तक बैठा लेते है। क्षमता से अधिक सवारियों के बैठने से हादसे की आशंका भी बढ़ जाती है।
यातायात पुलिस की सुस्ती के चलते नहीं होती कार्रवाई :
लोगों का कहना है कि कोतवाली हो या यातायात पुलिस उन्हीं के सामने से अधिक सवारियों को बैठाकर ऑटो और ई-रिक्शा ले जाते हैं। बावजूद यातायात पुलिस उन्हें अनदेखा कर देती है। यदि चालकों पर कार्रवाई होने लगे तो हादसों में कमी देखने को मिलेगी।
क्या कहते हैं अधिकारी-
यातायात प्रभारी उपदेश कुमार का कहना है कि नाबालिग वाहन चालकों व बिना कागजों के चला रहे वाहनों के विरुद्ध अभियान समय समय पर चलाया जाता है। आगे भी अभियान को सुचारू कर कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।