संसद का मानसून सत्र बुधवार, 24 जुलाई से पुनः आरंभ हो रहा है। बजट पेश होने के बाद आज लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा होने वाली है, जिससे उम्मीद है कि यह सत्र काफी हलचल भरा रहेगा। जहाँ बजट को लेकर विपक्ष पहले से ही असंतुष्ट है वहीं सत्र के दौरान विपक्षी दलों के सांसद इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने की तैयारी में हैं।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि यह बजट पक्षपातपूर्ण है। केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार, 23 जुलाई को पेश किए गए बजट को लेकर इंडिया गठबंधन के सांसद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि यह बजट भेदभावपूर्ण है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में संसद के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन हो रहा है।
इस प्रदर्शन में सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, कल्याण बनर्जी सहित अन्य सांसद भी शामिल हुए हैं। इंडिया गठबंधन के सांसद बजट को लेकर विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह बजट धोखाधड़ी वाला है और हम इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह बजट भारत सरकार का बजट नहीं लगता। उन्होंने कहा कि इस बजट में संघीय ढांचे को तोड़ा गया है और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों को नजरअंदाज किया गया है। तिवारी ने इसे ‘सरकार बचाओ बजट’ कहा और आरोप लगाया कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों को कोई महत्व नहीं दिया गया है। गैर-बीजेपी शासित राज्यों को जीएसटी शेयर में भी उपेक्षित किया गया है और ऐसे राज्य जीएसटी काउंसिल की बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं।
प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी की किसान नेताओं के साथ बैठक के बारे में कहा कि राहुल गांधी किसानों के प्रिय नेता हैं और किसानों को उनसे उम्मीद है। राहुल गांधी संसद में किसानों के मुद्दे उठाते रहे हैं।