इन्फ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास भारत में अमृत काल का मार्ग तैयार कर रहा है: अमिथ जैन

नई दिल्ली 14 सितंबर 2024 : सबसे तेजी से विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में भारत विश्व को दिशा दे रही है। यह देश वैश्विक समस्याओं का हल प्रदान करने और मानव कल्याण के लिए सुशासन के मॉडलों का उपयोग कर वित्तीय स्थिरता लाने और विकास सुनिश्चित करने में सक्षम है। अमिथ जैन डायरेक्टर, फाईनेंस और प्लानिंग, फिलिप मॉरिस इंटरनेशनल, इंक (पीएमआई) के भारतीय एफिलिएट,आईपीएम इंडिया के अनुसार भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन बेहतर मैक्रो संकेतकों के साथ यह स्पष्ट है कि अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर जा रही है।

इसमें बड़े वैश्विक संगठनों ने दीर्घकालिक निवेश बढ़ाए हैं। विभिन्न सेक्टर्स में निवेश आने से देश में आयात के मुकाबले निर्यात में घाटे को कम करने में मदद मिली है, जिसे करेंट अकाउंट डेफिसिट (सीएडी) भी कहा जाता है। सीएडी के घटकर जीडीपी के 1.2 प्रतिशत पर पहुँच जाने से मजबूत बाहरी सेक्टर प्रदर्शित होता है, और इसने भारत को निवेश के एक सुरक्षित, स्थिर, और संभावनापूर्ण विकल्प के रूप में स्थापित करने में मदद की है। भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, और साथ ही यह अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसे देशों के साथ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कतार में है।

6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर और आरबीआई द्वारा महंगाई को काबू में रखने के लिए स्थिर वित्त प्रबंधन के साथ भारत विकसित होती हुई अर्थव्यवस्था से ऊपर उठकर विश्व में एक आकर्षक अर्थव्यवस्था बन गया है। इस देश ने टेक्नोलॉजी की प्रगति अपनाने और उसके अनुरूप ढलने की क्षमता में काफी मजबूती प्रदर्शित की है और विस्तृत स्तर पर उसका क्रियान्वयन किया है। परिवर्तनकारी और प्रगतिशील सुधारों ने देश को ऐसे समय वैश्विक व्यवसाय में एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है, जब विश्व के अन्य देशों में स्थिरता नहीं है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की नीतियाँ
पिछले कुछ सालों में सरकार ने विदेशी निवेश आकर्षित करने, इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार लाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रगतिशील और इनोवेटिव आर्थिक सुधार लागू किए हैं। इनमें पीएम गति शक्ति जैसी प्रमुख नीतियाँ भी शामिल हैं,

जिसमें विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, जैसे भारतमाला, सागरमाला, इनलैंड वॉटरवेज़, ड्राई/लैंड पोर्ट्स, उड़ान आदि को शामिल किया गया है। इसमें इकॉनॉमिक ज़ोन जैसे टैक्सटाईल क्लस्टर, फार्मास्युटिकल क्लस्टर, डिफेंस कॉरिडोर, इलेक्ट्रॉनिक पार्क, औद्योगिक कॉरिडोर, फिशिंग क्लस्टर और एग्री ज़ोन भी शामिल होंगे।

इस नीति से कनेक्टिविटी में सुधार होगा और भारतीय व्यवसाय ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनेंगे। अन्य अभियानों जैसे वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडोप) और ओपन क्रेडिट इनेबल नेटवर्क (ओसीईएन) ने भारतीय एसएमई और स्टार्टअप्स को निर्यात में सहयोग के साथ वित्तीय और इन्फ्रास्ट्रक्चर का सहयोग प्रदान कर वैश्विक बाजारों में पहुँचने में समर्थ बनाया है।

मांग के लिए सरकार ने कई व्यक्तिगत फाईनेंस योजनाएं पेश की हैं, ताकि नए बाजारों के नागरिकों को ज्यादा आय प्राप्त हो और वो अर्थव्यवस्था का सक्रिय हिस्सा बन सकें। राष्ट्रीय नीतियाँ, जैसे प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) हर परिवार के लिए कम से कम एक बैंक खाता, वित्तीय साक्षरता,6 क्रेडिट, बीमा और पेंशन की उपलब्धता के साथ सभी स्थानों पर बैंकिंग सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित कर रही हैं। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ भारत में वित्तीय समावेशन की ओर तेजी से प्रगति हो रही है।

आर्थिक अस्थिरता से जूझ रहे विश्व में भारत का नेतृत्व और अनुभव वित्तीय समावेशन लाने में हुई प्रगति का प्रमाण है, जो अन्य विकासशील देशों में भी किया जा सकता है। सरकार और अर्थव्यवस्था द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे प्लेटफॉर्म का उपयोग करके इंडिया इंक. वृद्धि का उत्प्रेरक बना हुआ है और वैश्विक व्यापार को बढ़ावा दे रहा है, जिसके केंद्र में भारत है, यह भारत के ‘अमृत काल’ की याद दिलाता है।

वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना के अनुरूप, इंडिया इंक. को सदी में एक बार मिलने वाले इस अवसर का लाभ उठाने के लिए पारस्परिक लाभकारी साझेदारियाँ करने की आवश्यकता है। यह उपयुक्त समय है जब भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी तथा राष्ट्र और विश्व को सस्टेनेबल और समावेशी वृद्धि की ओर ले जाना होगा। यह इंडिया इंक का एक ऐतिहासिक क्षण है जो देश और यहाँ के नागरिकों के लिए अतुलनीय अवसरों, प्रगति और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत कर रहा है।

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