भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की नीतियों पर विपक्ष ने कड़ा प्रहार किया है। विपक्ष के नेताओं ने राज्य में बढ़ते कर्ज, बिगड़ती कानून व्यवस्था और जनता के पैसे के गलत इस्तेमाल को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मंगलवार को गोवा के प्रमुख विपक्षी नेता, जैसे कि गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई और आम आदमी पार्टी के गोवा अध्यक्ष अमित पालेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
विवाद तब भड़का जब गोवा पुलिस को हरियाणा भेजा गया ताकि सोशल मीडिया पर गोवा सरकार को बदनाम करने वाले कथित वीडियो की जांच की जा सके। इस कदम की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की, जो यह तर्क दे रहे हैं कि यह राज्य के संसाधनों का गलत इस्तेमाल है, जबकि गोवा इस समय कहीं अधिक गंभीर समस्याओं का सामना कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि ये वीडियो केवल तथ्यों को ही उजागर कर रहे हैं, न कि गोवा सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
विजय सरदेसाई, जो गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष हैं, ने सबसे पहले अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक के बाद एक पोस्ट के जरिए सवाल उठाया कि सरकार राजनीतिक उद्देश्य के लिए करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल कर रही है, जबकि राज्य की आर्थिक स्थिति गंभीर होती जा रही है। सरदेसाई ने कहा, “हमारे राज्य में फैली अव्यवस्था को सुधारने के बजाय, हमारे मुख्यमंत्री दूसरी राज्यों में छाया पकड़ने में व्यस्त हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में गोवा का कर्ज लगातार बढ़ रहा है।
आम आदमी पार्टी के गोवा अध्यक्ष अमित पालेकर ने भी सरदेसाई के विचारों का समर्थन किया और आलोचना को और तीखा कर दिया। X पर एक तीखे पोस्ट में पालेकर ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, “जब राज्य पर 31,000 करोड़ का कर्ज है और हमारे पहले मुख्यमंत्री की समाधि के लिए भी पैसे नहीं हैं, तो पैसे का गलत इस्तेमाल क्यों हो रहा है?” पालेकर ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट की जांच की कोई आवश्यकता नहीं है और सरकार की यह कार्रवाई असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए अधिक है, न कि राज्य की छवि को बचाने के लिए। पालेकर ने आगे कहा, “गोवा पुलिस के पास सोशल मीडिया पोस्ट की जांच करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुप कराने से अधिक महत्वपूर्ण काम हैं।”
ये आलोचनाएँ उस समय आई हैं जब मुख्यमंत्री सावंत की सरकार के प्रति जनता में असंतोष बढ़ रहा है। कई गोवावासी चिंतित हैं कि राज्य का खजाना खाली हो रहा है और सरकार उन घोटालों को छिपाने की कोशिश कर रही है जिन पर विपक्ष ने उंगली उठाई है। ऐसे में सरकार राज्य की गंभीर समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है, जैसे कि बिगड़ती कानून व्यवस्था।
इन घटनाओं के मद्देनजर, विपक्ष ने सरकार से उसके वित्तीय प्रबंधन और कानून प्रवर्तन की प्राथमिकताओं में अधिक पारदर्शिता की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि राज्य के सामने खड़ी गंभीर समस्याओं के समाधान की बजाय, सरकार अपने हित साधने में लगी हुई है। जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए सरकार राजनीतिक खेल खेल रही है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।