
- एमएलसी जयपाल व्यस्त ने दिए 21 हजार तो पत्रकार मनोज मिश्र ने दिए 11 हजार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश एसोसिएशन आफ जर्नलिस्ट्स (उपज) ने प्रदेश के पत्रकारों के कल्याण और आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कल्याण कोष के गठन की पहल की है। कोष के गठन की घोषणा शनिवार को राजधानी के सप्रु मार्ग स्थित उद्यान विभाग के प्रेक्षागृह में आयोजित उपज की संगोष्ठी और पत्रिका विमोचन समारोह में की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रदेश के उद्यान विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने एक लाख रूपये के योगदान की घोषणा की। विशिष्ट अतिथि और मुख्य वक्ता विधान परिषद सदस्य डा जय पाल सिंह व्यस्त ने 21 हजार रूपये के योगदान की घोषणा की। साथ ही, वरिष्ठ पत्रकार मनोज मिश्र ने भी 11 हजार रुपए का सहयोग दिया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि मीडिया की सूचनाओं की गति वायु से भी ज्यादा तीव्र है। हवा की गति से सूचनाएँ प्रसारित और प्रचारित होती हैं। कुछ ही सेकेण्ड में आपकी बात दुनिया भर में प्रचारित हो जाती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की प्रथम इकाई परिवार है। इसे बचाना राष्ट्रीय कार्य है। पत्रकार अपनी लेखनी के बल पर परिवार बचा सकते हैं। यह सांस्कृतिक धरोहर है। इसे बचाना बहुत जरूरी है।

मुख्य वक्ता और बरेली मुरादाबाद स्नातक क्षेत्र से एमएलसी डा जयपाल सिंह व्यस्त ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। तीनों स्तम्भों को मान्यता संविधान निर्माताओं ने दी है, लेकिन चौथे स्तम्भ का स्थान पत्रकारिता ने अपने पराक्रम से हासिल किया है। चौथे स्तम्भ की मान्यता पत्रकारिता को समाज ने दी है। पत्रकारिता का एक नया युग आजादी के बाद शुरु हुआ था, इसके पहले स्वतंत्रता आंदोलन में सभी प्रमुख राजनेताओं ने समाचार पत्र प्रकाशित किये। स्वतंत्रता के लिए योगदान किया। लेकिन पत्रकारिता की मूल आत्मा कभी नहीं बदली। यह मूल आत्मा है राष्ट्र निर्माण में पत्रकारिता का योगदान। इस मूल आत्मा का आधार विश्वसनीयता है। डा सिंह ने कहा कि आज नए नए नैरेटिव गढ़ने की परंपरा शुरु हो गई है। कुछ नैरेटिव नकारात्मक आधार पर और धारणाओं पर गढ़े जाते हैं, जिनके परिणाम भी प्रतिकूल होते हैं। इस तरह के नैरेटिव से मीडिया को सतर्क रहने की जरूरत है। कार्यक्रम के अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद् के सदस्य श्याम सिंह पंवार ने कहा कि मीडिया ने बहुत ऊचाई हासिल की है। लेकिन आज इसकी कार्य शैली पर सवाल भी उठ रहे हैं। हम लिख क्या रहे हैं जो लिख रहे हैं वह पहचान बन जाता है। इस जिम्मेदारी को सही से निभाना होगा। श्री पंवार ने इस अवसर पर कहा कि पत्रकारों की किसी भी तरह की समस्या हो वे उसके समाधान के लए हर समय उपलब्ध हैं। उन्होंने छोटे और मझोले समाचार पत्रों की समस्याओं की ओर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि छोटे अखबारों का विज्ञापन पहले 15 प्रतिशत होता था जो अब घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। यह चिंताजनक है सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मीडिया की भूमिका विषयक संगोष्ठी के पूर्व उपज संदेश पत्रिका का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में प्रेस परिषद् के पूर्व सदस्य अशोक नवरत्न, उपज के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह, महामंत्री राधेश्याम लाल कर्ण, कोषाध्यक्ष बाल मुकुन्द त्रिपाठी, एनयूजे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य हेमन्त कृष्ण, राजीव शुक्ल, उपज के प्रदेश उपाध्यक्ष अजीत नारायण सिंह, पत्रकारगण मनोज मिश्र, अजय कुमार, हेमन्त तिवारी, देवकीनन्दन मिश्र, मनमोहन, श्रीधर अग्निहोत्री, नीरज श्रीवास्तव, शिवशरण सिंह, अब्दुल वहीद, तमन्ना फरीदी, सुरेश यादव, संजय चतुर्वेदी ने भी विचार व्यक्त किये। उपज की लखनऊ इकाई के अध्यक्ष वरुण गुप्ता ने अतिथियो का आभार व्यक्त किया।