गोवा में कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस बोली- लोगों में बढ़ रही असुरक्षा की भावनाएं

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली
। गोवा में कानून-व्यवस्था कमजोर होती जा रही है, जिससे राज्य के लोगों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। यह आरोप मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर लगाया है। हाल ही में, भाजपा विधायक संकल्प अमोनकर की ओर से कथित तौर पर एक ऑपरेटर को धमकाने और जबरन वसूली की घटना ने राज्य में सियासी पारा बढ़ा दिया है। वायरल ऑडियो क्लिप में सुना जा सकता है कि अमोनकर पानी टैंकर व्यवसायी को एक लाख रुपए देने की मांग कर रहे हैं और पैसा नहीं देने पर उसके धंधे को बंद करने धमकी दे रहे हैं।
ऑडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने लगा आरोप
अमोनकर के वायरल ऑडियो ने राज्य में पहले से ही व्याप्त असुरक्षा की भावना को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस का आरोप है कि अमोनकर भ्रष्टाचार और उगाही के धंधे को बढ़ा रहे हैं। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि निकटता मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से है, जिस वजह से वह कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के करीबी होने के कारण अमोनकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा रही है और वह बिना किसी डर के गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने बोला हमला
इतना ही नहीं, भाजपा दक्षिण गोवा जिला अध्यक्ष तुलशिदास नाइक पर एक व्यक्ति ने हमला कर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना सांकोले एमआरएफ कचरा रिसाइकिल संयंत्र में हुई। कांग्रेस अध्यक्ष अमित पटकर ने सोशल मीडिया पर गोवा सरकार पर तीखा हमला करते हुए सवाल उठाया कि गोवा में क्या हो रहा है? उन्होंने सरकार की असफलता की निंदा की और आरोप लगाया कि गोवा अब ‘गुंडा राजÓ में आ चुका है, जहां भाजपा के सदस्य भी सुरक्षित नहीं हैं।
अमित पटकर ने अपने एक्स पर लिखा, ‘एक अपराधी सलिम खुलेआम भाजपा दक्षिण जिला अध्यक्ष तुलशिदास नाइक को हमला करने की धमकी दे रहा है। गोवा में कानून-व्यवस्था की पूरी तरह से विफल है। प्रमोद सावंत की सरकार गोवा और गोवावासियों को सुरक्षा देने में असमर्थ है। सावंत को सत्ता छोड़ देने चाहिए। अब भाजपा कार्यकर्ता भी सुरक्षित नहीं हैं।’
कार्रवाई पर उठे सवाल
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पुलिस अधिकारियों की निष्क्रियता इस घटना को और गंभीर बना रही है, क्योंकि वे घटना के गवाह थे, लेकिन फिर भी कुछ नहीं किया गया, जिससे पुलिस की निष्पक्षता और प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष दल के नेता ने दावा किया कि राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस निर्णायक कार्रवाई करने में असमर्थ है, जिससे अपराधी के मनोबल और बढ़ते जा रहे हैं।

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