शाही, बरेली। बहगुल नदी का जलस्तर घटने के बाद बहाव तेज हो गया है जिससे खेतों का कटान होना शुरू हो गया है। नदी के कटान से किसानों की सैकड़ों बीघा खड़ी फसल नदी में समा गई है। नदी के कहर से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। जिससे किसानों की कमर टूटती नजर आ रही है। कई दिनों से लगातार दिन रात बहगुल नदी में कटान जारी है।
सुबह शाम किसान अपनी फसल बचाने के लिए खेतों पर डेरा डाले हुए हैं उसके बावजूद भी अपनी फसल को बचाने में नाकाम नजर आ रहा है। किसानों के आंखों के सामने उसकी तैयार फसल व पेड़ कट कर नदी में समा रहे है। पेड़ों को बचाने के चक्कर में किसान अपनी जान जोखिम में डालकर नदी में तैयार कर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा है, बामुश्किल एक दो पेड़ों को किसान तैयार कर निकाल पाते हैं तब तक नदी का तेज वहाब से दर्जनों पेड़ कट कर पहाड़ी के साथ नदी में गिर जाते हैं।
सबसे ज्यादा किसानों के यूकेलिप्टस व पॉपुलर के पेड़ नदी में कट कर बह गए हैं, वहीं दर्जनों गांव के किसानों की गन्ने की तैयार फसल नदी ने काट दी है। क्षेत्र के कई किसान ऐसे भी हैं जिनकी जीविका खेती से चलती है तो कई किसान ऐसे भी हैं। जिन्होंने कर्ज सूत ब्याज पर रुपए लेकर बटाई में पेड़ लगाए थे वे कीमती पेड़ कट के नदी में बहने से कई किसानों की बेटियों की शादियों में भी बाधा बन सकते कस्बा शाही निवासी मुंशी रजाक ने बताया नदी के पास 100 पॉपुलर के पेड़ 3 बीघा में बेटियों की शादी के हिसाब से लगाए थे। घर में दो बेटी शादी करने को हैं 4 वर्ष के पेड़ हो चुके थे इस साल पेड़ों को बेचकर बेटियों की शादी करते जिन्हे नदी ने काट दिया हैं।
छोटा बसावनपुर के पूरन लाल पुत्र घासीराम कश्यप ने बताया उनके खेत में करीब 500 से ज्यादा पॉपुलर के पेड़ तैयार हो गए थे जिन्हे नदी ने काट दिया। गिरंदपाल वर्मा के 50 पेड़, वृंदावन के 20 पेड़, रघुवीर पुत्र मुन्नालाल के पॉपुलर के पेड़ दयाराम कश्यप के तीन बीघा में पॉपुलर के पेड़ थे। भागीरथ कश्यप, छोटू कश्यप, नत्थू लाल वर्मा आदि लोगों की जमीन सहित पेड़ कट कर नदी में समा गए, कस्बा शाही के मक्खन कश्यप की गन्ने की तैयार फसल को नदी काट रही है।
जुनहाई के कृष्णपाल की गन्ने की फसल बाढ़ से खराब हो गई। वही बसावनपुर ब कस्बा शाही के मोहल्ला गांधीनगर आबादी की तरफ कटान करना शुरू कर दिया है मोहल्ला गांधीनगर से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर नदी बह रही है जिससे वहां के स्थानीय लोगों को नदी के कटान की चिंता सता रही। छोटा ,बड़ा बसावनपुर गांव की आबादी की तरफ नदी काटते हुए बढ़ रही है महज नदी व आबादी की 300 मीटर की दूरी बची है। जिस गांव के लोग भयभीत नजर आ रहे है।
सुल्तानपुर, बकरी अब्दुल नबीपुर, आनंदपुर, बसावनपुर, हैदरगंज, मकड़ी खोए गौसगंज, जुन्हाई फिरोजपुर आदि गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा जमीन फसल सहित काटकर नदी में समा चुकी है। वहीं किसानों की आस अब प्रशासन की तरफ है जिससे उनकी फसल का सही सर्वे होकर मुआवजा मिल सके।