शाहजहांपुर की जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ का पानी भले ही घटने लगा हो लेकिन बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं।बैराजों से गंगा तथा रामगंगा नदी में छोड़े जाने वाले पानी का डिस्चार्ज कम होने के साथ ही यहां पर भी दोनों नदियों का जलस्तर घटा है। मगर अभी भी लोगों के घरों तथा सड़कों पर पानी चलने से लोगों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।
जलालाबाद शमशाबाद स्टेट हाइवे पर दो जगह पानी सड़क के ऊपर से उतर रहा है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी ने भी अपने पैर पसार दिये है, मगर अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाढ़ क्षेत्रों में कैम्प लगाने की जरूरत नहीं समझी है। बाढ़ के कारण बिजली की सप्लाई बंद किये जाने से ग्रामीणों को अब एक बड़ी समस्या से जूझना पड़ रहा है।गंगा व रामगंगा नदियों का बढ़ता जल स्तर बांधों से छोड़े जाने वाले पानी के डिस्चार्ज में काफी गिरावट आ जाने के साथ ही दोनों नदियों का जलस्तर भी गुरुवार की रात से कम होना शुरू हो गया है।
लेकिन पाहरुआ, मौजमपुर, कुनिया, कटैला नगला, तारापुर, मोहम्मदपुर गुलड़िया, पैलानी उत्तर, इस्लामनगर, जलालाबाद शमशाबाद स्टेट हाइवे समेत अन्य कई सड़कों पर बाढ़ का चल रहा है, लोगों के घरों में भी अभी तक बाढ़ का पानी भरा हुआ है जिससे ग्रामीणों को अभी भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । जुलाई से अब तक बाढ़ की विभीषिका झेल रहे ग्रामीणों को अब खुद खाने व पशुओं के चारे की समस्या होने लगी है।
कलान, मिर्जापुर के कई फीडरो के पोल पानी में आ जाने से जरियनपुर, तारापुर, बीघापुर सिठौली, मौजमपुर, पैलानी उत्तर , भरतपुर, कटैला नगला समेत लगभग पैंतीस गांव की बिजली सप्लाई बंद कर दिये जाने से लोगों को अब पानी के बीच रात के अंधेरे में पानी के जहरीले जीवों के बीच जाग जागकर रात काटनी पड़ रही है। शुक्रवार को बैराजों से गंगा नदी में 99613 हजार, रामगंगा 13836 हजार तथा गर्रा नदी में 42329 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जो कि पिछले दिनों की तुलना में डिस्चार्ज में काफी कमी आयी है जिससे नदियों का जलस्तर भी तेजी के साथ घटने है।