बेलरायां से कड़िया जाने वाले मार्ग तथा बेलरायां से तिकुनिया जाने वाले मार्ग से गुजरने वाले राहगीर सड़क में होने वाले गड्ढे में से इतना त्रस्त हैं कि 5-6 किलोमीटर की दूरी में घंटो का समय लगता है। वही पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कोई सुध लेना आवश्यक नहीं समझा। जिससे क्षेत्र के लोगों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है।
क्षेत्र के प्रगतिशील किशान विक्रमेंद्र प्रसाद भल्ला का कहना है कि सड़क में गड्ढों के कारण बेलरायां से कड़िया आने जाने में घंटो के साथ-साथ समय भी खराब होता हैं सड़क रिपेयरिंग के नाम पर महज खाना पूर्ति कर दी जाती है सड़क में गड्ढे इतने की निकलना मुश्किल है।
सुरेश कुमार का कहना है कि कड़िया से बेलरायां जाने के लिए एक ही मुख्य मार्ग है जिससे दर्जन भर गांव के हजारों लोगों का प्रतिदिन आना जाना रहता है कड़िया बेलरायां मार्ग पूरी तरह टूट चुका है गड्ढों के अलावा सड़क दिखाई नहीं देती है।
हरजिंदर सिंह नागरा का कहना है कि भारत नेपाल सीमा की सुरक्षा के लिए आधा दर्जन से अधिक एस एस बी की चौकिया है जो बेलरायां से कड़िया होते हुए ही चौकिया पर जाते हैं लेकिन सड़क पर गड्ढो के कारण सभी को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विजय कुमार का कहना है कि बेलरायां चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति के लिए आए दिन ट्रैक्टर ट्राली तथा डनलप के पहिए सड़क में गड्ढे के कारण किसी का एक्सेल टूटता है और तो किसी का पहिया पंचर होता है किसानों के लिए टूटी सड़क अभिशाप बनी हुई है।