बीजिंग । चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के अनुसार, भू-चुंबकीय ध्रुवों के पश्चिमी गोलार्ध से पूर्वी गोलार्ध की ओर शिफ्ट होने के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र कमजोर हो रहे हैं। सूर्य की खतरनाक किरणों से पृथ्वी को बचाने वाली चुंबकीय परत उत्तरी अमेरिका के ऊपर तेजी से कमजोर हो रही है। शोधकर्ता प्रोफेसर हानक्सियन फेंग के अनुसार, 2000 के बाद से उत्तरी अमरीकी चुंबकीय क्षेत्र हर साल औसतन 50 किलोमीटर से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। यह गति दक्षिणी चुंबकीय ध्रुव की गति से काफी अधिक है। चुंबकीय क्षेत्र का यह परिवर्तन प्राचीन इतिहास में भी अहम रहा है। 2018 में मैक्सिको की नेशनल ऑटोनॉमस यूनिवर्सिटी के अध्ययन में माया सभ्यता और ईरान-सीरिया में प्राचीन सभ्यताओं के पतन का कारण इसी चुंबकीय क्षेत्र में अचानक हुए परिवर्तन को बताया गया था। वैज्ञानिकों का कहना है कि चुंबकीय क्षेत्र में इस प्रकार का असामान्य बदलाव भविष्य में सूर्य से आने वाली हानिकारक विकिरणों को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने का रास्ता दे सकता है। यह न केवल वातावरण में बदलाव ला सकता है बल्कि संचार, नेविगेशन और उपग्रहों के कार्यों पर भी असर डाल सकता है। इसी प्रकार, भविष्य में चुंबकीय क्षेत्र में बड़े बदलाव मानव सभ्यता के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं।
क्या है चुंबकीय क्षेत्र या परत
पृथ्वी के चारों ओर एक अदृश्य परत को चुंबकीय क्षेत्र या मैग्नेटोस्फेयर कहा जाता है। पड़ोसी ग्रह जैसे बुध, शुक्र और मंगल के विपरीत धरती के पास चुंबकीय क्षेत्र के रूप में शक्तिशाली सुरक्षा कवच है। यह कवच हानिकारक ऊर्जा को पृथ्वी से दूर रखकर उन्हें वैन एलन बेल्ट्स नामक दो सुरक्षित क्षेत्रों में फंसा लेता है, जो कि धरती से सुरक्षित दूरी पर हैं। चुंबकीय क्षेत्र की यह रक्षा कवच मंगल और शुक्र जैसे पड़ोसी ग्रहों के विपरीत पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को संभव बनाता है।
अध्ययन में यह चिंता जताई गई है कि चुंबकीय परत में हो रही कमजोरी के चलते भविष्य में पृथ्वी के वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। अगर यह जारी रहता है तो इसका असर संचार प्रणालियों, जलवायु परिवर्तन और मनुष्यों के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। वैज्ञानिक इस परिवर्तन पर गहराई से नजर रख रहे हैं ताकि भविष्य में संभावित खतरों का अनुमान आसानी से लगाया जा सके।