संभल जाने से राेकने पर नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे अपने आवास पर कायकर्ताओं संग धरने पर बैठे, पढ़ें पूरी खबर



लखनऊ, । संभल जाने से रोकने पर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे अपने आवास पर कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए हैं। इसमें विधायक रविदास मल्होत्रा भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि संभल जनपद में जामा मस्जिद का सर्वे के दौरान बीते 24 नवंबर को बवाल हो गया था। उपद्रवियों ने सर्वेक्षण करने पहुंची टीम पर पथराव और फायरिंग की गई। इसमें कई अधिकारी व पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे। वाहनों को जला दिया गया था। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस छोड़े और लाठी भांज को उपद्रवियों को खदेड़ा था। आसपास के जिलों से पुलिस बुलाकर बवाल वाले क्षेत्रों में तैनात किया गया। इस दौरान प्रशासन ने बाहरी व्यक्तियों पूरी तरह से जिले में आने के लिए प्रतिबंध लगा दिया है।

ऐसे में अब समाजवादी पार्टी की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल शनिवार को संभल आने की घाेषणा की थी, जहां बवाल के बारे में जानकारी एकत्र कर अपनी पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए पुलिस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के सेक्टर-11 वृंदावन योजना स्थित आवास के बाहर रात से ही पुलिस तैनात कर दी गई थी। अभी पुलिस बाहर तैनात है। पुलिस ने उन्हें संभल के डीएम का एक लेटर उपलब्ध कराया है। इसके बाद विरोध में सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठे हैं। बैठक में मौजूद विधायक रविदास मल्होत्रा ने कहा कि संभल की घटना का हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से जांच कराई जाए। मृतक के परिवार के लोगों को एक करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाएं। संभल के लोगों को इंसाफ मिलना चाहिए। इसके अलावा सपा अध्यक्ष श्यामलाल पाल के घर के बाहर भी पुलिस लगा दी गई है। लाल बिहारी यादव ने बताया कि पुलिस ने हमें संभल के डीएम का एक पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि 10 दिसंबर तक संभल में प्रवेश निषेध है।

संभल घटना को लेकर भाकपा माले का प्रदर्शन, दोषियों के खिलाफ उठाई कार्यवाही की मांग 

जालौन। उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यह घटना 24 नवंबर 2024 को हुई थी, जब संभल की जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी। इसी को लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर भाकपा (माले) अतिरिक्त मजिस्ट्रेट मनोज कुमार को ज्ञापन सौंपा है।

बता दें कि, उरई कलेक्ट्रेट परिसर में शनिवार को भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा है। भाकपा माले जिला सचिव कामरेड राजीव कुशवाहा ने कहा कि इस हिंसा में पांच मुस्लिम युवाओं की मौत हो गई। यह घटना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने और प्रदेश भर में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को डराने-धमकाने के लिए हालिया उपचुनाव जीत से उत्साहित संघ-भाजपा की एक सुनियोजित साजिश की ओर इशारा करती है।

इस घटना के खिलाफ भाकपा (माले) द्वारा पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि संभल हिंसा की जिम्मेदार योगी आदित्य नाथ सरकार को दंडित किया जाए और मृतकों को न्याय मिले। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि पांच निर्दोष मुस्लिम युवाओं की मौत के जिम्मेदार और भड़काऊ नारे लगाने वाले उकसावेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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