भास्कर एक्सक्लूसिव : नियमों की अनदेखी कर मुख्य टाउन प्लानर ने बढ़ाया फेसेलिटीज सुविधा वाले भूखण्डों का एफएआर

भास्कर ब्यूरो
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण्ा का विवादों से नाता छूटने का नाम नहीं ले रहा हैं। अब एक ऐसा साक्ष्य सामने आया है जिसमें टाउन प्लानर ने फैसेलिटीज भूख्ाण्डों का एफएआर 1.5 से बढ़ाकर 2.0 कर दिया हैं।


इस बदलने से सामुदायिक सुविधा वाली इमारतों की ऊंचाई बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया लेकिन इससे प्राधिकरण को करोड़ों की चपत लगनी तय हैं। आरोप है कि एक खास फर्म को लाभ देने के लिए पहले नियम शिथिल किए गए और फिर आदेश्ा कर दिया गया। इसकी शिकायत शासन में की गई हैं। दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण अपने भूखंडों की ई-नीलामी के लिए निविदा प्रकाशित की हैं। नीलामी वाले भूखंडों में फैसिलिटीज के सात भूखंड भी शामिल है, जिनका एफएआर मुख्य नगर नियोजक ने नियमों को ताक पर रखकर बढ़ा दिया है। इससे प्राधिकरण को एफएआर से होने वाली आय अब नहीं हाेगी ।


इसी वर्ष जनवरी माह में भूखंड संख्या 1/43-ए गोमती नगर विस्तार सेक्टर 1 में मुख्य नगर नियोजक द्वारा 1.50 एफएआर को नियमों को ताक पर रखकर 2.0 का कर दिया गया। अब से पहले भी इसी तरह से एफएआर में बदलाव किए गए हैं।


क्या कहती है नियमावली :
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2008 यथासंशोधित 2011/2016 के तहत भवन उपविधि पृष्ठ संख्या 44 में बिंदुसंख्या 5 के शीर्षक सामुदायिक सुविधाओ के अंतर्गत आनेवाले भूखंडों के एफएआर तथा भृ-आच्छादन के विवरण अंकित है जिसमे विकसित क्षेत्र और अविकसित क्षेत्र दोनो में ही फैसिलिटीज के भूखंडों का एफ.ए.आर 1.50 और ग्राउंड कवरेज 40% उल्लेखित है। परंतु सीटीपी महोदय संशोधन करते हुए एफ.ए.आर 2.00 और ग्राउंड कवरेज 30% कर दिया।

क्या कहते है अफसर :

करोड़ांे रुपये के राजस्व का नुकसान करने वाले इस फैसले के बाबत दैनिक भास्कर ने मुख्य टाउन प्लानर को लगातार संपर्क किया लेकिन उत्तर नहीं मिला। वहीं प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि जुलाई 2024 को बोर्ड बैठक में एफएआर को बढ़ाने का निर्णय लिया गया हैं, बदले गए एफएआर के हिसाब से मूल्य को भी बढ़ाया गया है जिससे किसी भी तरह का राजस्व का नुकसान नहीं हो रहा है।