Google Map का इस्तेमाल अगर आप भी करते हैं तो सावधानी बरतें। बिहार के अररिया में फारबिसगंज के केशरी टोला में रहने वाले राज दास पिता रंजीत दास परिवार को गोवा जाते समय गूगल मैप की मदद लेना महंगा पड़ गया। गूगल एमपी की वजह से परिवार को कर्नाटक के बेलगावी में जंगल में भटकना पड़ा। रात भर पूरा परिवार को जंगल में जंगली जानवरों के बीच अपनी कार में फंसा रहना पड़ा। सुबह कई किलोमीटर का सफर तय करने के बाद मोबाइल नेटवर्क मिला तो पुलिस की मदद की गई,जिसके बाद किसी तरह जंगल से निकलने में परिवार सफल रहे।
दरअसल गूगल मैप्स ने इस परिवार को शिरोडगा और हेममडगा गांवों के बीच के रास्ते पर भेज दिया,जो वन्य जीव जंतुओं के लिए जाना जाता है।यह रास्ता उन्हें भीमघाड वन्यजीव क्षेत्र में 7 किलोमीटर अंदर लेकर चला गया। इस इलाके में मोबाइल नेटवर्क नहीं था। इसलिए परिवार रात भर कार में फंसा रहा।जंगल में फंसे परिवार वालों की जान सांसत में तब लौटी जब तीन किलोमीटर वापस लौटने पर मोबाइल नेटवर्क मिला। उन्होंने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन पर फोन करके अपनी स्थिति की सूचना दी।जिसके बाद बेलागवी पुलिस कंट्रोल रूम ने खानपुर पुलिस को सूचना दी। जीपीएस लोकेशन की मदद से पुलिस और ग्रामीणों ने परिवार को ढूंढ निकाला।
गूगल मैप्स की वजह से पहली बार कोई परिवार मुश्किल में नहीं फंसा है। जून 2024 में केरल के सुदूर उत्तरी कासरगोड जिले में ‘गूगल मैप्स’ का उपयोग करके अस्पताल का रास्ता तलाश रहे दो युवक अपनी कार को उफनती नदी में लेकर चले गए, लेकिन वाहन के एक पेड़ से फंस जाने के कारण चमत्कारिक रूप से बच गए थे।पूर्व में उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही एक घटना हुई थी जिसमें गूगल मैप्स ने एक अधूरे पुल से कार को नीचे गिरा दिया था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।