सोमवार, 16 दिसंबर से शुरु हो रहा उप्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र भी हंगामेदार होगा। विपक्ष ने पहले से ही घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं सपा के साथ ही कांग्रेस ने भी लोकसभा में उप्र का मुद्दा प्रमुखता से उठाकर यह जता दिया है कि उसकी नजर भी उप्र पर है। इधर उप्र कांग्रेस ने 18 दिसम्बर को विधानसभा घेरने का प्लान पहले से तय कर रखा है। इसी के साथ ही विपक्ष को भाजपा का ‘एक हैं तो सेफ हैं।’ का नारा भी हर वक्त खटक रहा है। उसकी गूंज भी विधानसभा में सुनाई पड़ने के आसार हैं।
शुक्रवार को पहली बार लोकसभा में बोलते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने सबसे पहले उप्र की संभल, झांसी के मुद्दों को उठाकर यह जता दिया कि वे वायनाड से भले सांसद हैं, लेकिन उनके केंद्र में उत्तर प्रदेश ही है। यह उप्र कांग्रेस नेताओं को भी नया जोश दे गया। इससे कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों में उत्साह देखने को मिला। वहीं दूसरे दिन शनिवार को भी राहुल गांधी ने “उप्र में संविधान का राज नहीं, मनु स्मृति का राज चल रहा है।” कह कर उप्र के लगाव को दर्शा दिया।
विधानसभा में कांग्रेस के मात्र दो विधायक हैं। इस कारण वह विधानसभा में बहुत कुछ करने की स्थिति में नहीं है। इस कारण सोमवार को शुरू हो रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र को घेरने के लिए उसने दूसरी रणनीति अपनाई है और 18 को उसे बाहर से कार्यकर्ताओं को बुलाकर घेरने की तैयारी की है। वहीं भीतर भाजपा को घेरने का काम समाजवादी पार्टी करेगी। उसके विधानसभा में 111 सदस्य हैं। अर्थात बाहर से विधानसभा को घेर कर कांग्रेस अपना जोर दिखाएगी। वहीं दूसरी तरफ भीतर सपा घेराबंदी कर अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करेगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यहां कांग्रेस और सपा में एक दूसरे से आगे बढ़कर अल्पसंख्यक वर्ग का हितैशी दिखाने की होड़ है। भीतर कांग्रेस के सदस्यों की संख्या न के बराबर है। इस कारण उसने बाहर से घेराबंदी कर लोगों के बीच अपनी पकड़ दिखाना चाहती है। इससे सपा की बौखलाहट भी बढ़ने की उम्मीद है। कांग्रेस ने जब संभल मुद्दे को उठाया था, तब भी सपा ने नाराजगी जाहिर की थी।
16 दिसंबर से शुरू हो रही विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 17 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। महाकुंभ पर केंद्रित अनुपूरक बजट का आकार 12 से 15 हजार करोड़ रुपये के बीच होने की संभावना है। सत्र के पहले दिन औपचारिक कार्य जैसे अध्यादेशों, अधिसूचनाओं, नियमों को सदन के पटल पर रखा जाएगा और विधायी कार्य निपटाए जाएंगे।17 दिसंबर को अनुपूरक बजट पेश किया होगा। 18 दिसंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी, जिसके बाद उसे पारित किया जाएगा। वहीं 19 और 20 दिसंबर को विधायी कार्य होंगे। कार्यक्रम के मुताबिक 20 दिसंबर को सदन आधे दिन संचालित होगा।