रेनुका सिंह के कला और समाजसेवा के प्रयासों को मेरठ में सराहा गया

भास्कर समाचार सेवा

मेरठ। प्रख्यात कलाकार और सामाजिक उद्यमी रेनुका सिंह ने अपनी कला और समाजसेवा के अद्भुत संगम से देशभर में पहचान बनाई है। उनकी पहल रंगरेज़ बाई निर्वानालैंड न केवल एक कला मंच है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का प्रतीक बन गया है। अब मेरठ में भी उनके कार्यों और दृष्टिकोण को भरपूर सराहना मिल रही है।

रंगरेज़: कला का नया स्वरूप
रंगरेज़ बाई निर्वानालैंड डिजिटल डिजाइनिंग और डिजिटल ग्राफिक्स पर आधारित कला का एक अनोखा मंच है। रेनुका सिंह अपनी कला का प्रदर्शन बैग्स पर डिजिटल डिजाइनिंग के माध्यम से करती हैं। उनकी कृतियां, जो डिजिटल ग्राफिक्स और क्रिएटिव डिज़ाइन्स का अद्भुत संगम हैं, दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। उनकी हर कलाकृति एक संदेश के साथ आती है, जो समाज के मुद्दों पर सोचने को प्रेरित करती है।

कला के माध्यम से समाजसेवा
रेनुका सिंह का मानना है कि कला केवल सौंदर्य प्रदर्शन का साधन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक उत्थान का माध्यम भी हो सकती है। इस सोच के तहत, उन्होंने अपनी आय का 40% सोल किचन नामक एक चैरिटी में दान करने का संकल्प लिया है। यह चैरिटी वंचित बच्चों को शिक्षा, भोजन और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराती है। उनके आर्ट विद अ हार्ट मॉडल ने समाज में कला के महत्व को नई दिशा दी है।

मेरठ में कला और समाजसेवा की गूंज
रेनुका सिंह के कार्यों को मेरठ के कला प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से विशेष सराहना मिली है। उनकी कृतियां और उनका उद्देश्य, दोनों ने शहर में जागरूकता और प्रेरणा का संचार किया है। मेरठ में उनके कार्यों की चर्चा न केवल कला के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के उदाहरण के रूप में भी हो रही है।

कला और करुणा का आदर्श
रेनुका सिंह की कला समाज से जुड़ी भावनाओं और चुनौतियों को दर्शाती है। उनकी रचनात्मकता और दयालुता ने यह साबित किया है कि कला केवल व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं, बल्कि सामूहिक सुधार का साधन भी हो सकती है।

मेरठ के लोगों ने उनकी इस सोच और प्रयासों को खुले दिल से स्वीकार किया है। उनके काम ने यह संदेश दिया है कि सही दिशा में उपयोग की गई कला समाज में वास्तविक बदलाव ला सकती है।

रेनुका सिंह का रंगरेज़ आज कला और समाजसेवा के बीच पुल बनाने का काम कर रहा है। यह न केवल प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि यह दिखाता है कि कला और करुणा मिलकर दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।

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