उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड की जमी पर अब इंदौर के लहसुन की खेती पर किसानों ने दांव लगाया है। कम लागत में मोटा मुनाफा होने से बदहाल किसानों की तकदीर बदलेगी। लहसुन की खेती के लिए डिपार्टमेंट ने मुफ्त बीज भी बांटे हैं।
इन दिनों खेतों में लहसुन के बीज अंकुरित होने लगे हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी समेत तमाम इलाकों में करीब चौदह लाख लोग खेतीबाड़ी कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। परम्परागत खेती करने वाले किसानों को हर साल दैवीय आपदा के कहर से बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले बार फसलों की पैदावार का ग्राफ नीचे गिरने से किसानों को लागत तक निकालने में लाले पड़ गए थे।
भाकियू जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह राजपूत का कहना है कि दैवीय आपदा के कारण किसानों को पिछले कई साल से तगड़ा नुकसान हाे रहा है। इसीलिए खेती-बाड़ी में नुकसान से दुखी होकर कई लोग आत्महत्या भी कर लेते हैं। इसीलिए परम्परागत खेती करने वाले किसान अब अन्य फसलों और आमदनी डबल करने वाली फसलों की खेती की तरफ कदम बढ़ा रहे है। यहां हमीरपुर समेत समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र में डिपार्टमेंट किसानों की आय बढ़ाने के लिए लहसुन की खेती को बढ़ावा दिया है। इस साल जिला उद्यान विभाग ने अकेले हमीरपुर में सौ हेक्टेयर में लहसुन की खेती शुरू कराई है।
डिपार्टमेंट ने लहसुन की खेती के लिए सैकड़ों किसानों को बांटे मुफ्त बीजजिला उद्यान अधिकारी आशीष कटियार ने बताया कि हमीरपुर जिले में लहसुन की खेती कराने के लिए शासन से टारगेट मिला है। इस बार सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसकी खेती शुरू कराई गई है। जिला उद्यान निरीक्षक सौभाग्य सोनी ने बताया कि जिले में पांच सौ किसानों ने इंदौर के लहसुन की खेती शुरू की है। इसके लिए किसानों को अच्छी प्रजाति के लहसुन के बीज मुफ्त दिए गए है। खेतों में इसकी बोआई भी हो गई है।
नई प्रजाति के लहसुन की खेती करने पर कम लागत में होगी ट्रिपल कमाईलहसुन की खेती करने वाले ऋषि शुक्ला व रघुवीर सिंह ने बताया कि नई प्रजाति के लहसुन की खेती शुरू कराई गई है। खेतों में इसके बीज भी अंकुरित होने लगे हैं। राजेश सिंह ने बताया कि काफी क्षेत्रफल में अच्छी प्रजाति के लहसुन की खेती अबकी बार कराई जा रही है। इसमें लागत बहुत कम आती है लेकिन कमाई ट्रिपल होने की उम्मीद है। जिला उद्यान निरीक्षक ने बताया कि इसकी खेती से किसानों की तकदीर बदलेगी।