दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति येओल से ढाई घंटे तक हुई पूछताछ, आखिर बयान देने से क्यों किया इनकार 

सियोल । दक्षिण कोरिया के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) के अधिकारियों ने आज सुबह हिरासत में लिये गए राष्ट्रपति यून सुक येओल से पूछताछ शुरू कर दी। येओल को राष्ट्रपति आवास से हिरासत में लेने के बाद ग्योंगगी प्रांत के ग्वाचेओन स्थित सीआईओ मुख्यालय ले जाया गया। यहां ढाई घंटे तक उनसे पूछताछ की गई।

सीआईओ के डिप्टी प्रमुख ली जे-सेउंग के नेतृत्व में अधिकारियों ने सुबह करीब 11 बजे यून सुक येओल से पूछताछ शुरू की। इस दौरान येओल के वकील भी मौजूद रहे।

द कोरिया टाइम्स समाचार पत्र के अनुसार येओल से पूछताछ मुख्यतः उनकी मार्शल लॉ की अल्पकालिक घोषणा पर केंद्रित है। यह घोषणा येओल ने तीन दिसंबर की रात की थी। इस बीच विपक्ष के तेवर देख यह घोषणा वापस ले ली गई। विपक्ष ने मोर्चाबंदी कर नेशनल असेंबली की पूर्ण बैठक आहूत कर येओल के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। इस पर मतदान हुआ। मतदान में राष्ट्रपति को तगड़ा झटका लगा और महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया। इसके बाद इसे संवैधानिक अदालत भेजा गया। संवैधानिक अदालत में मंगलवार को इस पर सुनवाई शुरू हो चुकी है।

यून सुक येओल हिरासत में लिये जाने वाले पहले मौजूदा कोरियाई राष्ट्रपति हैं। जांच अधिकारियों को 48 घंटों के भीतर यह निर्णय लेना होगा कि हिरासत में पूछताछ जारी रखने के लिए औपचारिक गिरफ्तारी वारंट दायर किया जाए या उन्हें रिहा कर दिया जाए। सीआईओ ने आज सुबह 10:33 बजे हिरासत वारंट निष्पादित किया। ।

सीआईओ ने कहा कि दोपहर 1:30 बजे तक पूछताछ के पहले सत्र में येओल ने बयान देने से इनकार कर दिया। इसलिए पूछताछ रिकॉर्ड नहीं की गई। अब सीआईओ के वरिष्ठ अभियोजक ली डे-ह्वान पूछताछ करेंगे। पूछताछ के बाद येओल को ग्योंगगी प्रांत के उइवांग में सियोल डिटेंशन सेंटर में रखे जाने की उम्मीद है। येओल पर मार्शल लॉ डिक्री के संबंध में विद्रोह का नेतृत्व करने और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप है। उधर, राष्ट्रपति कार्यालय ने येओल की हिरासत के बाद के हालात पर चर्चा के लिए आपातकालीन बैठक आहूत की है।

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