Budget Explainer : अब 7 फरवरी को क्या… ब्याज दरों में कटौती तो होगा बड़ा धमाका

Seema Pal

Budget Explainer : अगर ब्याज दरों में कटौती की जाती है, तो इसका सीधा असर कंजम्पशन और अर्थव्यवस्था की ग्रोथ पर पड़ सकता है। मिडिल क्लास को लोन पर राहत मिलने से उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी, और निवेश के विकल्प भी खुले रहेंगे। इसके साथ ही सरकार और आरबीआई का फोकस भी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए है, खासकर GDP ग्रोथ को 7% तक बनाए रखने की कोशिश।

आरबीआई द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना, खासकर मौजूदा लिक्विडिटी बढ़ाने के फैसलों को देखते हुए, बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकती है। इससे न सिर्फ कंजम्पशन बढ़ेगा, बल्कि बैंकों में ज्यादा पैसा आएगा, जो आगे जाकर विकास के लिए उपयोगी हो सकता है।

आरबीआई का इस समय महंगाई पर कड़ा नियंत्रण रखने का तरीका ब्याज दर को स्थिर रखना था, लेकिन अब शायद वे कंजम्पशन को बढ़ावा देने के लिए एक नया कदम उठा सकते हैं। और हां, मिडिल क्लास को टैक्स छूट की जो राहत मिली है, वह भी उनके खर्च और बचत दोनों को प्रभावित करेगी।

आरबीआई अब सिस्टम में अतिरिक्त लिक्विडिटी लाने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की सरकारी सिक्योरिटी खरीदेगा। इसके अलावा, डॉलर-रुपया स्वैप ऑक्शन के जरिए भी लिक्विडिटी में इजाफा किया जाएगा। इसी बीच यह भी चर्चा है कि आरबीआई लोन रेट्स में कटौती कर लिक्विडिटी को और बढ़ा सकती है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी 2023 से अब तक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, और इस दौरान 11 मौद्रिक नीति बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में ब्याज दरों को स्थिर रखा गया है, और रेपो रेट 6.5 प्रतिशत पर बना हुआ है। यह निर्णय महंगाई पर नियंत्रण बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया था, लेकिन अब आरबीआई कुछ राहत देने पर विचार कर सकती है।

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