Seema Pal
Delhi Chunav 2025 : दिल्ली का नया मुखिया कौन होगा? दिल्लीवासी आज इसका फैसला करने के लिए मतदान बूथ पहुंचकर अपने मुखिया के लिए वोट डाल रहे हैं। दिल्ली की कुर्सी पर कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव को जीतकर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद अब साल दिल्ली में साल 2025 में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जहां अब भाजपा 25 साल के इंतजार को खत्म करने की पूरी तैयारी कर रही है।
दिल्ली में सरकार बनाने के लिए भाजपा पिछले 25 साल से लंबा इंतजार कर रही है। दिल्ली में भाजपा की सरकार 1993-1998 तक रही। इस कार्यकाल में भाजपा ने पांच साल के ही अंदर तीन बार मुख्यंत्री बदलें थे। यह प्रमुख कारण था कि तब से लेकर आज तक दिल्ली में भाजपा की सरकार फिर नहीं बन पाई।
ये दिग्गज संभाल चुके हैं दिल्ली की कुर्सी
1993-96 में भाजपा के मदन लाल खुराना मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल दो साल 86 दिन रहा।
26 फरवरी 1996-12 अक्टूबर 1998 तक भाजपा के साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल दो साल 228 दिन रहा।
12 अक्टूबर 1998- 03 दिसंबर 1998 तक भाजपा की सुषमा स्वाराज मुख्यमंत्री बनी। इनका कार्यकाल 52 दिन रहा।
1998-2013 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनी। इनका कार्यकाल तीन साल रहा।
28 दिसंबर 2013-14 फरवरी 2014 तक आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। इनका कार्यकाल 49 दिन रहा।
15 फरवीर 2014 -13 फरवरी 2015 तक दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा रहा।
14 फरवरी 2015 -21 सितंबर 2024 तक आप के दोबारा अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। इस बार इनका कार्यकाल 9 साल 341 दिन रहा।
21 सितंबर 2024-वर्तमान तक आतिशी मार्लेना एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री बनी जो अब तक हैं।
वहीं अब दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) को 25 साल बाद जीत की उम्मीदें नजर आ रही हैं। यह स्थिति कई राजनीतिक और सामाजिक कारणों से बनी है। जिनमें पार्टी की रणनीति, राष्ट्रीय मुद्दे, और कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी (AAP) की कमजोरियां शामिल हैं।
बीजेपी की रणनीति और ताकत लौटाएगी कुर्सी
केजरीवाल का विरोध : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर बीजेपी लगातार आलोचना कर रही है। खासकर केजरीवाल की सरकार पर भ्रष्टाचार, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में उचित कार्य न करने का आरोप लगाया जा रहा है।
राष्ट्रीय मुद्दे : बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों जैसे पाकिस्तान, आतंकवाद और भारतीय सेना के समर्थन में अपने अभियान को भी जोड़ दिया है। नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और उनकी सरकार की ओर से किए गए कार्य, जैसे जन कल्याण योजनाएं, योजनाओं का प्रचार-प्रसार, इन सबको बीजेपी चुनावी माहौल में भुनाने में लगी हुई है।
धार्मिक वोट बैंक : बीजेपी हिंदू मतदाता वर्ग को आकर्षित करने के लिए अपने धर्मनिरपेक्ष छवि को आगे बढ़ा रही है। पार्टी के प्रमुख नेता हिंदू धार्मिक त्योहारों और आयोजन में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, जिससे एक बड़े वर्ग को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस की कमजोरियां : विभाजन और नेतृत्व संकट: दिल्ली कांग्रेस की संगठनात्मक संरचना कमजोर है और पार्टी में नेतृत्व का संकट साफ तौर पर नजर आता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच लगातार असंतोष है। इससे पार्टी को एक सशक्त विपक्ष के रूप में उभरने में मुश्किल हो रही है।
दिल्ली में निष्क्रियता : दिल्ली में कांग्रेस की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमजोर हुई है। लोकसभा चुनाव 2019 में भी पार्टी की हालत खराब रही, और उसके बाद से पार्टी में कोई बड़ा बदलाव या सकारात्मक परिणाम नहीं आया। इसका असर विधानसभा चुनाव में भी पड़ सकता है।
चुनावी समीकरण और भविष्य की दिशा
भाजपा के पास मजबूत नेतृत्व है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में बीजेपी ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी पकड़ को मजबूत किया है। मोदी सरकार की नीतियों की दिल्ली में छाप भी देखने को मिलती है।
जनता की उम्मीदें: दिल्ली की जनता को बदलाव की उम्मीद है, और बीजेपी इसे भुनाने का प्रयास कर रही है। लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली के सभी सात सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे उन्हें विधानसभा चुनावों में भी उम्मीद बढ़ी है।
AAP और कांग्रेस की चुनौती: हालांकि AAP की सरकार ने दिल्ली के कुछ हिस्सों में अच्छा काम किया है, लेकिन कांग्रेस और AAP के बीच की अंदरूनी लड़ाइयां और बीजेपी के हमले उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति बेहतर हो सकती है, लेकिन यह भी माना जा रहा है कि AAP और कांग्रेस का मुकाबला आसान नहीं होगा। भविष्य में यह चुनाव दिल्ली की राजनीति के कई समीकरणों को बदल सकता है, और पूरे देश में बीजेपी की बढ़ती प्रभावशाली उपस्थिति को और पुख्ता कर सकता है।