ओरिस बिल्डर ने बायर्स के साथ खुद को बताया 3सी का पीड़ित

भास्कर समाचार सेवा
नई दिल्ली। ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट से जुड़े विवाद में नया मोड़ आ गया है। गुरुग्राम स्थित ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (ओरिस) ने 3सी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए खुद को भी इस घोटाले का शिकार बताया है। कंपनी का दावा है कि उसने इस प्रोजेक्ट के लिए 3सी ग्रुप के साथ एक समझौता किया था, लेकिन 3सी ने न केवल बायर्स को बल्कि ओरिस को भी अंधेरे में रखा। ओरिस का कहना है कि वह ग्रीनोपोलिस प्रोजेक्ट की जमीन का असली मालिक है और 3सी ग्रुप ने खुद को एक प्रतिष्ठित बिल्डर बताकर इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का वादा किया था। समझौते के तहत 3सी को निर्माण कार्य अपने खर्चे पर करना था और बदले में उसे परियोजना में हिस्सा मिलना था। लेकिन 3सी ने हजारों खरीदारों से करोड़ों रुपये वसूले और उन्हें दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया।
जब 3सी ग्रुप ने प्रोजेक्ट को अधूरा छोड़ दिया, तब ओरिस ने कानूनी लड़ाई लड़ी और सुप्रीम कोर्ट तक जाकर एनसीएलटी से प्रोजेक्ट को दोबारा हासिल किया, ताकि बायर्स को उनके फ्लैट मिल सकें।
ओरिस का कहना है कि उसने न केवल इस प्रोजेक्ट को दोबारा शुरू किया, बल्कि ईडीसी/आईडीसी का भुगतान कर लाइसेंस भी रिन्यू करवाया। अब तक ओरिस ने 512 फ्लैट पूरे कर उनके ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के साथ बायर्स को सौंप दिए हैं। कोर्ट ने भी माना है कि ओरिस, 3सी ग्रुप की धोखाधड़ी का शिकार हुआ है और इसी आधार पर 3सी के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है।

ओरिस ने बायर्स का साथ देने की बात कही

ओरिस का कहना है कि कुछ लोग, जो 3सी ग्रुप से जुड़े हुए हैं, झूठी अफवाहें फैलाकर ओरिस की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग खुद को 3सी ग्रुप का बायर्स बताकर ओरिस के खिलाफ गलत आरोप लगा रहे हैं, । ओरिस का कहना है कि उसने बायर्स के लिए हरसंभव मदद की है और 3सी ग्रुप से एडिट बायर्स को न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है।

हम भी बायर्स की तरह पीड़ित हैं : ओरिस

ओरिस ने स्पष्ट किया कि वह भी 3सी ग्रुप की ठगी का शिकार हुआ है और कानूनी, नैतिक और व्यावसायिक रूप से इस विवाद में उतना ही पीड़ित है, जितना कि कोई अन्य खरीदार। ओरिस का कहना है कि कुछ मीडिया हाउस बिना तथ्यों की जांच किए हुए कंपनी को निशाना बना रहे हैं,

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