
कर्नाटक। बीदर जिले में एक छात्र को कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) परीक्षा केंद्र में प्रवेश से पहले जनेऊ (पवित्र धागा) हटाने के लिए बाध्य किया गया। इस घटना से संबंधित छात्र, सुचिव्रत कुलकर्णी, ने आरोप लगाया कि 17 अप्रैल को साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज में जब वह परीक्षा देने पहुंचा, तो उसके धार्मिक प्रतीक के कारण उसे परीक्षा देने से रोका गया।
छात्र ने बताया कि परीक्षा केंद्र के स्टाफ ने स्पष्ट किया कि यदि वह जनेऊ नहीं हटाता है, तो उसे परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। सुचिव्रत ने इस धार्मिक प्रतीक को हटाने से इनकार करते हुए कहा कि यह उसकी धार्मिक मान्यता से जुड़ा है। परिणामस्वरूप, उसे परीक्षा में बैठने से रोक दिया गया।

इस मामले पर छात्र की मां, नीता कुलकर्णी, ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा जनेऊ नहीं हटा सकता क्योंकि यह उसकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है। नीता ने सरकार से मांग की कि उनके बेटे की परीक्षा फिर से कराई जाए या उसे किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला दिया जाए तथा उसकी फीस सरकार या संबंधित कॉलेज द्वारा भरी जाए।
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए, कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. चंद्र शेखर बिरादर और स्टाफ सदस्य सतीश पवार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक अधिकारों का सम्मान बेहद जरूरी है।